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स्वास्थ्य कर्मी ने खुद को बनाया कोरोना पॉजिटिव, गए अवकाश पर

- जांच के बाद हुआ पर्दाफाश सीएस ने दिया कार्रवाई का आदेश जासं अररिया सदर अस्पताल

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 May 2021 11:44 PM (IST)Updated: Wed, 05 May 2021 11:44 PM (IST)
स्वास्थ्य कर्मी ने खुद को बनाया कोरोना पॉजिटिव, गए अवकाश पर
स्वास्थ्य कर्मी ने खुद को बनाया कोरोना पॉजिटिव, गए अवकाश पर

- जांच के बाद हुआ पर्दाफाश, सीएस ने दिया कार्रवाई का आदेश

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जासं, अररिया : सदर अस्पताल अररिया में ऐसा मामला सामने आया, जहां सदर अस्पताल में कार्यरत फैमली प्लानिग काउंसलर अविनाश कुमार एंटिजन किट से खुद से जांच को करवाकर खुद को कोरोना पॉजिटिव बना लिया। स्वयं राज्य स्वास्थ्य समिति के समिति का पूर्जा बनाकर अवकाश पर चले गए। जबकि उनका कोरोना रिपोर्ट निगेटिव है। जानकारी होते ही सीएस एमपी गुप्ता गंभीर हो गए। इसके बाद उन्होंने चिकित्सकों को कई दिशा-निर्देश दिया और दोषी काउंसलर पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। बिना आरटीपीसीआर की जांच के नहीं जा सकेंगे छुट्टी पर:

फैमिली काउंसलर का मामला सामने आने पर सीएस एमपी गुप्ता ने सख्त निर्देश जारी किया है। उन्होंने कहा कि कोई भी चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी बिना ट्रूनेट अथवा आरटीपीसीआर से जांच कराए होम अइसोलेशन में नहीं जा सकते हैं। सिविल सार्जन डॉ. एमपी. गुप्ता ने अपने पत्रांक 945 दिनांक 03 मई 2021 में आदेश दिया है कि ऐंटीजेन कीट के माध्यम से स्वयं को कोरोना पोजिटिव घोषित करने वाले चिकित्सा पदाधिकारी व स्वास्थ्य कर्मचारी को अब ट्रू-नेट अथवा आरटीपीसीआर के माध्यम से जांच करवाना होगा। ट्रूनेट और आरटीपीसीआर जांच में यदि कोरोना पॉजिटिव पाया गया तो संबंधित चिकित्सा पदाधिकारी और स्वास्थ्य कर्मचारी को इलाज के लिये निर्धारित अवधि दस दिनों तक के लिए ही होम क्वारंटाइन अवकाश पर रह सकेंगे। इस संबंध में सीएस ने जिले के सदर अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल व रेफरल सहित अन्य अस्पतालों के चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों को निर्देश दिया है।

स्वास्थ्य कर्मियों पर उठे सवाल :

फैमिली प्लानिग काउंसलर अविनाश कुमार के इस कांड से स्वास्थ्य कर्मियों पर सवाल उठने लगे हैं। एक तरफ जहां अधिकांश स्वास्थ्य कर्मी व चिकित्सक अपनी जान की बाजी लगाकर लोगों की जान बचाने में अपनी अहम भूमिका निभा रहें, वहीं दूसरी तरफ अविनाश जैसे कुछ स्वास्थ्य कर्मी वैसे कोरोना योद्धा के अस्मत को तार करने की कोशिश में जुटा है। चर्चा आम है कि अपने फर्ज को अंजाम देने से पीछे हटने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के विरुद्ध विभागीय स्तर पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। ताकि लोगों का विश्वास धरती के भगवान पर बना रहे।

क्या कहते हैं चिकित्सक :

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. मोईज ने बताया कि काउंसलर अविनाश कुमार का रिपोर्ट निगेटिव आया है। पोर्टल पर भी उनका रिपोर्ट निगेटिव है। इसके बाद भी रिपोर्ट पाजिटिव बनाकर आइसोलेट हो जाना गलत है। इससे संबंधित सारी जानकारी सीएस को दे दी गई है। सिविल सार्जन के स्तर से कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है।

जाना था छुट्टी पर बनाया बहाना : जानकार बताते हैं कि फैमिली प्लानिग काउंसलर पद पर कार्यरत अविनाश कुमार को छुट्टी पर जाना था लेकिन कोविड सेंटर में प्रतिनियुक्ति होने के कारण छुट्टी मिलने के आसार न के बराबर थे। कोरोना महामारी को लेकर इस समय अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों की सख्त जरूरत है। जिसके चलते काउंसलर ने साजिश रचकर रेपिड एंटीजन कीट से खुद को जांच कर अपने को कोरोना पॉजिटिव घोषित करवाया और होम आइसोलेशन पर चले गए, जिसके चलते स्वास्थ्य सेवा पर प्रतिकूल असर पड़ा है। मामला सुखिर्यों में आने के बाद सीएस ने गंभीरता से लिया है।


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