गहरे जख्म दे गई नदियों में आई बाढ़
अररिया। वर्षों के बाद एक बार फिर नदी मैया का गुस्सा अपने चरम पर नजर आया। गुस्सायी मैया लाखों
अररिया। वर्षों के बाद एक बार फिर नदी मैया का गुस्सा अपने चरम पर नजर आया। गुस्सायी मैया लाखों की आबादी पर जख्मों के निशान छोड़ गई। विस्थापन के दर्द व कटाव की पीड़ा से कराह रहे लोगों पर उसे तनिक भी दया नहीं आयी। बाढ़ के खौफनाक मंजर ने बसे बसाए घरों को उजाड़ दिया। इस उजाड़े में कईयों के सपने दफन हो गए और जवान बेटी के हाथ पीले होने से पहले ही सारे अरमान बाढ़ की तेज धार में बह गए। सबकुछ तबाह बर्बाद कर दिया। इतने पर भी सब्र नहीं है। नदी के कोप का प्रभाव अभी भी दर्जनों गांवों में कहर बरपा रहा है।
यह पीड़ा जिले के साढे छह लाख से अधिक उन परिवारों का है जिनके सबकुछ हाल में आयी बाढ़ अपने साथ बहा ले गयी। सिकटी प्रखंड के तजमूल की जवान बेटी की शादी के लिए रखा सारा समान व उनके अरमान पानी में बह गये। आज इन्हें तन ढकने तक के कपड़े नसीब नहीं हैं। जोकीहाट की डेढ़ दर्जन गांवों में अब भी बाढ़ का पानी कहर बरपा रहा है। मंगलवार को भी बारह सौ से अधिक परिवार राहत शिविर में शरण लिए हुए थे। इनका सबकुछ छिन गया है। पीड़ित सुलेमान, रफीक, फिरोजा खातून आदि का कहना था कि पता नहीं कौन सा गुनाह हम से हो गया कि यह दिन देखना पड़ा। अच्छा खासा घर गृहस्थी चलता था। मेहनत मजदूरी कर खुशी-खुर्रम गुजर बसर करते थे। लेकिन आज भिखारी से भी बदतर हो गए हैं। रानीगंज मझुआ पूरब, मझुआ पश्चिम के झमेली ऋषिदेव, बुधनी देवी सहित सैकड़ों को कारी कोशी, कमला कोशी, फरयानी नदी के उफान ने तबाह बर्बाद कर दिया। वे इन दिनों कालाबलुआ स्थित एक ढाबा में रात गुजारने को विवश हैं। पीड़ितों का कहना है कि फसल तो नष्ट हो ही गया है। अभी भी घरों में पानी घुसा है। प्रशासन बेखबर है। रात में ढाबा वाला ने खाना खिलाया। उसके बाद से भूखे हैं। बाढ़ में फंसने के कारण कई दिनों से मजदूरी करने भी नहीं गए। फूटी कौड़ी तक नहीं है। करें तो आखिर क्या करें। छोटे छोटे बच्चे बिलख रहे हैं। ऐसा ही दर्द अररिया, नरपतगंज, फारबिसगंज, कुर्साकांटा आदि प्रखंडों के बाढ़ पीड़ितों का है। इनके जख्मों पर मरहम लगाने की जरूरत है।
क्या कहते अधिकारी
जिला पदाधिकारी हिमांशु शर्मा ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों पर पैनी नजर हैं। हर संभव सहायता मुहैया करायी जा रही है। सर्वे का कार्य चल रहा है। पीड़ितों का खाता भी खुलवाया जा रहा है। शीघ्र ही पीड़ितों के खाते में सहायता राशि भेजी जाएगी।