बीज के मूल्य में वृद्धि से मक्के की खेती से कतरा रहे किसान
अररिया। नगदी फसल के रूप में जिलेभर के किसान व्यापक पैमाने पर मक्के की खेती को बढ़ावा दे
अररिया। नगदी फसल के रूप
में जिलेभर के किसान व्यापक पैमाने पर मक्के की खेती को बढ़ावा दे चुका है। लेकिन अधिकांश कंपनी मक्के बीज का मूल्य पिछले वर्ष की तुलना में 15 से 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी कर दी है। ऐसे में पूंजी की कमी एवं लागत व मुनाफा के आकलन करते किसान इस वर्ष मक्के की खेती करने से मुंह मोड़ने लगे हैं। मक्का की खेती करने वाले दर्जनभर किसानों ने बताया कि क्षेत्र के अनुरूप मिट्टी व जलवायु में भिन्नता होने के कारण अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग प्रजाति के बीज खेतों में लगाया जाता है। कुछ कंपनी के बीज जो पिछले वर्ष बेहतर पैदावार दिया है लेकिन इस वर्ष कंपनी ब्रांड नेम बदलकर मार्केट में उसी बीज को अधिक मूल्य पर बेच रही है। जबकि अधिकांश कंपनी कई ब्रांड में बीज मार्केट में बेच रही है। वहीं कुछ चुनिदा कंपनी के बीज को दुकानदार अपने मनमानी ठंग से पैकेट पर अंकित मूल्य से अधिक दामों पर बेच रहे हैं जिससे किसानों में आक्रोश व्याप्त है। हालांकि कृषि विभाग इस तरह के मामले से शायद बिल्कुल अनभिज्ञ है। ऐसे में किसानों के बीच असमंजस की स्थिति बनी है। ऐसी स्थिति में बेबुझ किसान उच्च क्वालिटी के बजाय घटिया बीज लगाने के शिकार हो सकते हैं। बता दूं कि पिछले दस वर्षों से अररिया के किसान मक्के की खेती को बढ़ावा दे रहा है। बावजूद कृषि विभाग इस दिशा में कोई पहल नहीं कर रही है। अररिया प्रखंड के किस्मत खवासपुर पंचायत के वार्ड संख्या एक अंतर्गत गिलहबाड़ी गांव के किसान आशुतोष कुमार झा उर्फ राहुल ने बताया कि पिछले दस वर्षों से करीब दस एकड़ में मक्के का खेती कर आर्थिक रूप से सु²ढ़ हुए हैं लेकिन बीज के मुल्य वृद्धि से वैकल्पिक खेती करने की बात कही। शरणपुर पंचायत के वार्ड आठ अंतर्गत दभड़ा निवासी किसान पंकज सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष तीन एकड़ में मक्के की खेती करने पर कुछ खेतों में अच्छी उपज हुई थी जबकि डेढ़ एकड़ भूमि में बीज गुणवत्ता के कारण लागत पुंछी भी निकाल पाया। वहीं मदनपुर के किसान तारानंद झा. तेगछिया किसान हेम नारायण झा,अशोक झा. अभियानंद मिश्र, नागेंद्र झा. रासबिहारी सिंह, पलासी के किसान प्रकाश झा. जागेश्वर सिंह, कपिलदेव झा. बालानंद चौधरी, मजरख अंसारी, मुस्ताक आलम, सुरेंद्र विश्वास आदि ने बताया कि बीज के मूल्य वृद्धि से पिछले वर्ष के तुलनात्मक इस वर्ष मक्के की खेती को छोड़कर वैकल्पिक खेती किया जाएगा।
इधर अररिया प्रखंड कृषि पदाधिकारी अमरनाथ ठाकुर ने बताया कि कृषि विभाग में अबतक मक्के की बीज उपलब्ध नहीं करवाया जा सका है। किसान विश्वसनीय कंपनी एवं पूर्व में अच्छी पैदावार देने वाली मक्के बीजों को ही लगाए। साथ ही पैकेट पर अंकित मूल्य व तिथि को देखकर खरीदें। अंकित मूल्य से अधिक मांगे की जाए तो सूचना करें तत्क्षण दुकानदार पर कार्रवाई होगी।