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दशकों बाद नाव पर ही जीवन

फोटो 13 एआरआर 26 कैप्शन- जर्जर नाव के सहारे जान जोखिम में डालकर परमान नदी पार होत

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 11:28 PM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 11:28 PM (IST)
दशकों बाद नाव पर ही जीवन
दशकों बाद नाव पर ही जीवन

फोटो 13 एआरआर 26

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कैप्शन- जर्जर नाव के सहारे जान जोखिम में डालकर परमान नदी पार होते ग्रामीण परमान नदी के रामपुर-मोहनपुर घाट पर पुल नहीं बना पुल, जान जोखिम में डालकर नाव के सहारे आवाजाही करने को विवश हो रहे लोग जिला मुख्यालय से महज छह किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है पंचायत, बड़ी आबादी को जिला मुख्यालय तक पहुंचने में हो रही कठिनाई घोषणाओं के बावजूद भी अब तक पुल के दिशा में हो रही पहल, दर्जनों लोगों की नदी पार करने के क्रम में जा चुकी है जाने संतोष कुमार झा, संसू, ताराबाड़ी(अररिया): एक तरफ सरकार हर एक सौ आबादी वाले टोले- मोहल्लों को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए एड़ी चोटी एक कर रही है। वहीं जिला मुख्यालय से महज छह किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित अररिया प्रखंड के रामपुर-मोहनपुर पश्चिमी पंचायत सहित क्षेत्र के बड़ी आबादी को जिला मुख्यालय तक पहुंचने के लिए सालोंभर जर्जर नाव का सहारा लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। फारबिसगंज अनुमंडल व मुख्य बाजार को जोड़ने वाली यह मार्ग सीधे पलासी प्रखंड मुख्यालय को जोड़ती है। लेकिन विडंबना यह है कि जिला के बीचो बीच बहने वाली परमान नदी के रामपुर-मोहनपुर घाट पर अब तक पुल निर्माण नहीं होने से लोगों को के लिए बड़ी समस्या व मुसीबत बनी है। इस प्रमुख समस्या के कारण लोगों को जिला मुख्यालय तक पहुंचने के लिए कई किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है। इससे जहां लोगों का कीमती समय बर्बाद होता है वही जिला मुख्यालय तक पहुंचने के लिए मोटी रकम भी खर्च करनी पड़ती है। परमान नदी के मोहनपुर घाट पर पुल निर्माण नहीं होने से गांव की बदहाली, शिक्षा की बदतर स्थिति, किसानों का फटाहाल व शहर से नजदीकी के बावजूद भी गांव सुदूर देहात के भी बदतर दिख रहा है। इसके कारण बेटी-रोटी का रिश्ता पर भी असर पड़ने की बात बताई जा रही है। ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 2009 में हुई नाव दुर्घटना में आधा दर्जन लोगों की इस घाट पर डूबने से मौत होने के बावजूद भी ना तो प्रशासन ही पुल निर्माण की दिशा में अब तक कोई पहल की है ना ही राजनेता ही पुल निर्माण करने दिशा में अपनी सहभागिता दिखाएं हैं। ग्रामीणों ने बताया कि चुनाव के वक्त पुल निर्माण के नाम पर बड़े-बड़े नेतागण इस मुद्दे को उठाकर वोट बटोरने से परहेज नहीं आते हैं लेकिन चुनाव बाद शायद इस मुद्दों से कोसों दूर हो जाते हैं। पुल निर्माण नहीं होने से रामपुर मोहनपुर पंचायत भी दो भागों में विभाजित है जिससे लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। मोहनपुर के ग्रामीण व सामाजिक कार्यकर्ता मं•ार रेजा नन्नहा , शाहनवा•ा आलम, अब्बास उद्दीन, तबरेज आलम, जावेद आलम ,आलम रही, उमेश कुमार रजक, बेचन मंडल, संजय पासवान , अजय कुमार, तारिक अनवर, सरवर आलम, अमित कुमार, दुर्गानंद मंडल, सादिक शाह, खुर्शीद आलम, शंभू कुमार आदि ने इस प्रमुख समस्या से निदान के लिए मुख्यमंत्री व जिलाधिकारी से मांग करते हुए बताया कि जल्द ही इस समस्या पर पहल नहीं की जाएगी तो क्षेत्र के लोग एकजुट होकर आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे।


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