लंबित मामलों के त्वरित निष्पादन में अररिया पाक्सो कोर्ट एक सबक
संसू अररिया एक ओर मुकदमों के बोझ से दबे भारत की न्यायिक व्यवस्था को मजबूत करने को लेक
संसू, अररिया: एक ओर मुकदमों के बोझ से दबे भारत की न्यायिक व्यवस्था को मजबूत करने को लेकर वैकल्पिक न्यायिक व्यवस्था पर जोर दिया जा रहा है ताकि मामले का त्वरित निपटारा कर अदालत में लंबित मामलों के तादात कम किया जा सके। वहीं देश की अदालतों में लंबित मामलों की सुनवाई के लिए हर दिन तो क्या, महिनों से लेकर वर्षो तक लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है। कोर्ट कचहरी के लिए तारीख पर तारीख एक पहचान बन चुकी है। वही भारत देश के बिहार का अररिया न्याय मंडल का पाक्सो एक्ट का स्पेशल कोर्ट के स्पेशल जज शशिकांत राय की एक ऐसी भी अदालत भी है, जहां एक अनुसूचित जाति की एक बच्ची के संग दुष्कर्म के मामले की सुनवाई हर रोज जारी है। ताकि इस मामले को शीघ्र न्याय के अंतिम मुकाम तक लाया जा सके।
अररिया के पाक्सो एक्ट के स्पेशल कोर्ट की स्थापना के बाद से ही लगातार हो रहे फैसले पर गौर करें तो अब तक कई फैसले ऐसे आ चुके है, जिसमें इस कोर्ट ने मामले का त्वरित निष्पादन की दिशा में एक ही दिन में आरोप गठन, साक्षियों की गवाही, जांच रिपोर्टो का पदर्श, दोनों पक्षों का बहस के साथ अपना फैसला भी सुनाया है।
वर्तमान में पोक्सो एक्ट से संबधित स्पेशल केस नंबर-01/22 को ही ले लिजिए। इस मामले मे एक छह वर्षीय अबोध बच्ची के साथ दुष्कर्म की दर्दविरादक घटना प्रदेश पर चर्चित है। इस मामले मे पाक्सो एकट के स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश श्री राय के स्पेशल कोर्ट मे हर रोज सुनवाई जारी है। दिनांक-23 जनवरी को आरोपित रेजर के खिलाफ कोर्ट मे आरोप गठन के साथ साथ मामले के सूचक सहित चिकित्सक, जांचकर्ता आदि की गवाही हो चुकी। इतना ही नही, फिर 24 जनवरी को इस मामले मे आरोपित का बयान भी कोर्ट में दर्ज कर लिया गया। इसके साथ ही 25 जनवरी को सफाई को लेकर तिथि मुकर्रर हुआ तथा आरोपित दोष सिद्ध करार किया गया। अब इस मामले मे सजा की बिदु पर सिर्फ फैसला आना बाकी है।
पाक्सो एक्ट की इस कोर्ट के लिए यह कोई पहला मामला नही है। इससे पूर्व भी इस कोर्ट ने दुष्कर्म व दुष्कर्म के बाद हत्या जैसे गंभीर मामले को त्वरित निष्पादन की दिशा में तत्परता दिखा कर अपना फैसला सुनाया है।
जबकि स्पेशल केस नंबर-36/21 मे कोर्ट ने एक सात वर्षीय बच्ची के साथ किए गये दुष्कर्म के मामले में ट्रायल मे आरोप गठन के साथ कुल आठ गवाहों की गवाही आदि सभी प्रक्रियाएं पूरी व बहस के बाद पाक्सो एक्ट के स्पेशल कोर्ट द्वारा एक ही दिन में कुर्साकांटा के कुआडी़ निवासी दोषसिद्ध आरोपित राज कुमार यादव को अंतिम सांस तक आजीवन कैद की सजा सुनाया। इस फैसले ने अपना ऐतिहासिक फैसला के रूप मे चर्चित है। पाक्सो एक्ट में सबसे कम समय में त्वरित निष्पादन की दिशा में एक ही दिन मे ट्रायल पूरा करने वाला भारत का पहला एतिहसिक मामला का उदाहरण बन गया है। इस मामले को बिहार सरकार, गृह विभाग के अभियोजन निदेशालय, पटना ने इंडिया बुक रिकार्ड में दर्ज करने की हुई सिफारिस की है।
जबकि दूसरे मामले को ही ले तो नरपतगंज थाना क्षेत्र में दिलीप कुमार यादव नामक एक 30 वर्षीय युवक ने अपने ही गांव की एक आठ वर्षीय बच्ची के घर में जबर्दस्ती दुष्कर्म का अंजाम दिया था। नरपतगंज थाना कांड संख्या-349/21 के इस मामले में कुल 11 गवाहों की गवाही कलमबंद किया गया। 24 सितंबर,21को आरोप गठन हुआ तत्पश्चात पाक्सो एक्ट के इस कोर्ट ने एक दिन मे गवाहो की गवाही व आरोप सिद्ध के साथ साथ दोषसिद्ध आरोपित दिलीप कुमार यादव को भादवि की धारा-376 ए तथा बी के तहत अंतिम सांस तक यानि जीवन भर जेल मे रहने का ऐतिहसिक फैसला सुनाया है।
वही एक अन्य मामले में अपनी नानी के साथ करीब दो साल पहले दिनांक-05 अगस्त की रात्रि दस बजे से 06 अगस्त, 2019 के बिषहरी पूजा का मेला देखने गई एक नाबालिग छात्रा के साथ 5/6 अगस्त,2019 में दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। इस अतिसंवेदनशील मामले में अररिया के पाक्सो एक्ट के स्पेशल कोर्ट के विशेष न्यायाधीश शशिकांत राय की अदालत में अक्टूबर माह में सजा की बिदु पर सुनवाई पूरी की तथा 21 वर्षीय अमर कुमार नामक एक युवक को जीवन समाप्त होने तक का फांसी की सजा मुकर्रर किया है।
स्पेशल कोर्ट ने सजा की बिदु पर सुनवाई के बाद दोषसिद्ध आरोपित बने सिमराहा थाना क्षेत्र के मिर्जापुर छर्रापट्टी टोला निवासी एक्कीस वर्षीय अमर कुमार को साक्ष्य के आधार आरोपित को जीवन समाप्त होने तक फांसी पर लटकाए जाने का फैसला सुनाया था। साथ ही उक्त आरोपित को भादवि की धारा-201 में तीन वर्षो का सश्रम कैद व तीन ह•ार रुपये जुर्माना भरने का आदेश दिया और जुर्माना नही देने पर दस दिनों का अतिरिक्त साधारण कैद की सजा भी मुकर्रर किया था।
अधिवक्ताओं के बीच चर्चा है कि विभिन्न तरह के आयोजन होते रहे है। वहीं मुकदमों की बोझ के तले कराह रहे अदालतो मे लंबित मामलो से निजात को लेकर देश में वैकल्पिक न्याय व्ववस्था पर जोर दिया जा रहा है, ताकि हर भारतीय नागरिकों को अदालतों से मिलने वाली तारीख पर तारीख के बदले सस्ता, शुलभ व त्वरित न्याय मुहैया कराया जा सके। बावजूद अदालतो में लंबित मामलों के आंकडे कम नही हो रहे है। लेकिन भारत देश के बिहार प्रांत के अररिया जिला मुख्यालय स्थित न्याय मंडल के पाक्सो एक्ट के शशिकांत राय का एक स्पेशल कोर्ट ऐसा है जो एक अनुसूचित जाति की छ: वर्ष की अबोध बच्ची के साथ दुष्कर्म के लंबित मामले मे हर रोज सुनवाई कर मामले का त्वरित निष्पादन को लेकर काफी तत्पर है।
वर्तमान में मंगलवार को दोषसिद्ध का यह चर्चित मामला भरगामा थाना क्षेत्र की है। घटना तिथि एक दिसंबर, 21 को अनुसूचित जाति की एक छह वर्षीय अबोध बच्ची के साथ दुष्कर्म का अंजाम दिया गया। इस मामले में गिरफ्तार मेजर अभी जेल में बंद है।
अधिवक्ताओं सहित प्रबुद्ध जनों मे चर्चा है कि इसी तरह की रफ्तार हर जगह बनी रहे तो न्यायार्थियो को न्यायालयों पर जहां आस्था और मजबूत होगा। वही लंबित मामले के आंकडे काफी कम होने की संभावनाएं बढे़गी।