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जगदीश चंद्र बोस की मनाई गई जयंती

संसू फारबिसगंज (अररिया) बिहार बाल मंच फारबिसगंज के द्वारा द्विजदेनी प्रांगण (प्रोफेसर काल

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Nov 2021 11:35 PM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 11:35 PM (IST)
जगदीश चंद्र बोस की मनाई गई जयंती
जगदीश चंद्र बोस की मनाई गई जयंती

संसू, फारबिसगंज (अररिया): बिहार बाल मंच, फारबिसगंज के द्वारा द्विजदेनी प्रांगण (प्रोफेसर कालोनी) में प्रसिद्ध वैज्ञानिक (वनस्पतिशास्त्री) जगदीश चंद्र बोस की जयंती शिक्षक दीपक कुमार उपाध्याय के संयोजन में आयोजित किया गया। जिसमें स्कूली बच्चों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।

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वैज्ञानिक आचार्य बोस की तस्वीर पर बच्चों के द्वारा पुष्पांजलि अर्पण के बाद मंच के संस्थापक विनोद कुमार तिवारी ने बच्चों को बताया कि जगदीश चंद्र बोस का जन्म 30 नवंबर1858 ई. को फरीदपुर, ढाका (बांग्लादेश) में हुआ था। विश्व में पहली बार 1885 ई में उन्होंने रेडियो तरंगों द्वारा बेतार संचार का प्रदर्शन मार्कोनी के प्रदर्शन से दो वर्ष पहले किया था।

वहीं अरविद ठाकुर ने बताया कि वनस्पतियों में भी जीवन होता है। इसे स्थापित एवं प्रमाणित करने वाले बोस पहले वैज्ञानिक थे। प्रोफेसर सुधीर झा सागर ने कहा कि सन् 1917 में इन्हें नाईट की उपाधि मिली थी और वे 'रायल सोसाइटी आफ लंडन के फेलो चुने गये थे। कहा उन्होंनें बोस रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना की और 1937 तक निदेशक भी रहे। झारखंड के गिरिडीह (तत्कालीन बिहार) में नवंबर 1937 में उनका निधन हो गया। मौके पर उपस्थित सभी बच्चों को मंच के द्वारा उपहार स्वरूप कापी और कलम प्रदान किया गया। गीतांजलि साहित्यिक सांस्कृतिक मंच का गठन किया संसू, फारबिसगंज (अररिया): मंगलवार को विश्व कवि रवींद्र नाथ टैगोर की काव्य संग्रह गीतांजलि के नाम पर गीतांजलि साहित्यिक सांस्कृतिक मंच की स्थापना विनोद कुमार तिवारी के द्वारा की गई। इसके अध्यक्ष के रूप में प्रअ मवि घीवहा हर्ष नारायण दास को मनोनीत किया गया।

उक्त जानकारी देते हुए श्री तिवारी ने बताया कि इसका कार्यालय परवाहा पंचायत में स्थापित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि टैगोर की गीतांजलि सन् 1910 में प्रकाशित हुई थी। यह एक ऐसा काव्य ग्रंथ है जिसकी लिखने में कई साल लग गए थे।


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