नियमित जांच व उपचार से टीबी रोग का होगा खातमा : सीएस
जागरण संवाददाता अररिया टीबी रोग के उन्मूलन के लिए रोगियों का नियमित जांच व समय पर दवा
जागरण संवाददाता, अररिया : टीबी रोग के उन्मूलन के लिए रोगियों का नियमित जांच व समय पर दवा का उपयोग करना जरूरी है, तभी इस बीमारी का खातमा होगा। यह बातें सिविल सर्जन एमपी गुप्ता ने प्रशिक्षण के दौरान सोमवार को कही। राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य अधिकारियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न हुआ। जिसमें जिले से टीबी रोग उन्मूलन के लिए कई टिप्स बताए गए। एक दिवसीय माड्यूलर प्रशिक्षण में प्रशिक्षकों ने टीबी मरीजों की जांच व उनके उपचार से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी। उपचार का मुफ्त इंतजाम सीएस ने कहा कि टीबी रोगियों के बेहतर इलाज के लिये समय पर उनकी जांच जरूरी है। संभावित मरीजों की खोज रोगियों को ससमय उपचार उपलब्ध कराएं। राष्ट्रीय स्तर पर 2025 तक टीबी रोग को पूरी खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित है। ओपीडी में आने वाले मरीजों में रोग संबंधी मामूली लक्षण दिखते ही तत्काल उनकी जांच जरूरी है। इससे रोगियों का समय पर उपचार शुरू किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि जिले के सभी प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में जांच की सुविधा उपलब्ध है। टीबी के साधारण मामलों में छह से नौ माह नियमित दवा सेवन से रोग पूरी तरह खत्म हो जाता है। वहीं एमडीआर टीबी के मामले में नौ महीने से डेढ़ साल तक दवा का सेवन करना पड़ता है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में डब्ल्यूएचओ के कंस्लटेंट राजीव कुमार एनएस ने मुख्य प्रशिक्षक की भूमिका निभाई। सामूहिक प्रयास जरूरी जिला टीबी व एड्स कार्डिनेटर दामोदर प्रसाद ने कहा कि टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को जन आंदोलन का रूप दिया जा रहा है। ताकि निर्धारित समय सीमा के भीतर देश से टीबी का उन्मूलन संभव हो सके। उन्होंने कहा कि टीबी मरीजों को नियमित काउंसिलिग की जरूरत होती है। ताकि रोगी बीच में दवा का सेवन बंद न कर दे। बीच में दवा सेवन बंद किये जाने से एडीआर टीबी का खतरा बढ़ जाता है। जो सामान्य टीबी से ज्यादा खतरनाक होता है। जिले में ट्रूनेट मशीन उपलब्ध होने से टीबी के गंभीर मामलों का पता लगाना आसान हो चुका है। जांच नतीजे जल्द प्राप्त हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयास से ही टीबी को जड़ से खत्म किया जा सकता है। पांच सौ का आर्थिक सहायता
डीपीएम एड्स ने कहा कि सरकार द्वारा टीबी रोगियों के मुफ्त इलाज का इंतजाम किया गया है। संक्रमण की पुष्टि होने पर छह महीने की दवा मरीजों को निश्शुल्क उपलब्ध कराइ जाती है। निक्षय पोषण योजना के तहत रोगी के एकाउंट में सीधे 500 रुपये आर्थिक सहायता दी जाती है। मौके पर सीडीओ डा वाईपी सिंह, डब्ल्यूएचओ के कंस्लटेंट डा. राजीव एनएस, डीपीएम एड्स अखिलेश कुमार सिंह, जिला टीबी व एड्स कार्डिनेटर दामोदर प्रसाद शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।