संभावित बाढ़ से बचाव के लिए पूरी तरह सजग है प्रशासन: डीएम
-- सर्वे कार्य हुआ पूरा सभी आवश्यक चीजों का पर्याप्त भंडार मौजूद संवाद सूत्र अररिया जिले मे
-- सर्वे कार्य हुआ पूरा, सभी आवश्यक चीजों का पर्याप्त भंडार मौजूद
संवाद सूत्र, अररिया: जिले में संभावित बाढ़ को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह तैयार है। सभी आवश्यक चीजों का पर्याप्त भंडार मौजूद है। सर्वे कार्य को भी पूरा कर लिया गया है। बाढ़ आपदा आने पर जिलेवासियों को यथासंभव सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। यह बातें डीएम प्रशांत कुमार सीएच ने कही। वे गुरुवार को आत्मन हाल में मासिक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। डीएम ने कहा कि बरसात के दिनों में जिले में बाढ़ आने का खतरा मंडराता रहता है। इसी को ध्यान में रखते हुए वर्षामापक यंत्र लगाने के जिले में कुल 218 स्थलों का चयन किया गया है। इसमें 138 जगह सर्वे का कार्य भी पूरा हो चुका है। बैठक को संबोधित करते हुए एसपी हृदयकांत ने कहा कि बाढ़ को लेकर लगातार हम लोग नजर बनाए हुए हैं। सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण जल का दबाव बढ़ने पर पड़ोसी देश नेपाल द्वारा पानी छोड़ने पर केवल तीन घंटे के अंदर पानी जिले में प्रवेश कर जाता है। इसको लेकर हम लोग पड़ोसी देश के अधिकारी से भी लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। प्रतिदिन पानी के बढ़ने या घटने के संबंध में दोनों देश अपनी जानकारी साझा कर रहे हैं। एसपी ने कहा कि बाढ़ आने की स्थिति में सामना करने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह तैयार है और एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड, चिकित्सक आदि को भी अलर्ट रहने को कहा गया है। जिलेवासियों से अपील करते हुए आगामी दो तीन माह काफी नाजुक है। एक तो बाढ़ का खतरा है दूसरी कोराना से भी हम पूरी तरह नहीं उबरे है। विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है।
284 नाव, 221 लाइफ जैकेट और पांच महाजाल है उपलब्ध: संसाधनों की जानकारी देते हुए डीएम ने कहा कि बाढ़ आपदा में जिलेवासियों को सहायता करने के लिए फिलहाल 284 नाव उपलब्ध है। अन्य 36 नाव की मरम्मत की जा रही है। जिले में 221 लाइफ जैकेट और पांच महाजाल उपलब्ध है। बाढ़ के पूर्व तैयारी को लेकर जिला आपदा गृह और अन्य प्रखंडों में कुल 23 हजार 710 पालिथिन सीट उपलब्ध कराई गई है। 23 ऊंचे स्थलों को बाढ़ पशु राहत शिविर के लिए चिन्हित किये गए हैं। पशु चारे की निविदा की प्रक्रिया भी पूरी की जा चुकी है और जिला पशुपालन केंद्र में आपदा नियंत्रण कक्ष की भी स्थापना की गई है। डीएम ने कहा कि बाढ़ के दौरान खाद्यान्न के भंडारण के लिए सभी अंचलों में गोदामों का भी चयन कर लिया गया है। साथ ही विभाग से प्रशिक्षण प्राप्त कुल 17 गृह रक्षक को विभिन्न प्रखंडों में गोताखोर के रूप में भी प्रतिनियुक्त किया गया है। जिले से गुजरने वाली मुख्य नदियां जैसे नूना, बकरा, कनकई और प्रमाण के जलस्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है।
सायरन से किया जायेगा अलर्ट- डीएम ने कहा कि जिले में कुल छह स्थानों पर सायरन को स्थापित किया गया है। इसके मदद से बाढ़ आने की स्थिति में सायरन की तेज आवाज से लोगों को अलर्ट किया जायेगा। बाढ़ की स्थिति में लोगों के रहने के लिए 311 ऊंचे स्थलों का चयन किया गया है। इसमें अररिया में 60, जोकीहाट में 21, पलासी में 35, सिकटी में 40, कुर्साकांटा में 47, रानीगंज में 14, फारबिसगंज में 30, भरगामा में 11 और नरपतगंज में 63 आश्रय स्थल शामिल है। डीएम ने कहा की बाढ़ को लेकर जिले में दवा की पर्याप्त मात्रा मौजूद है और जिला नियंत्रण कक्ष की भी स्थापना की गई है। जिले में एक ईन्फ्लेटेबल लाइटिग सिस्टम भी मौजूद है जो बाढ़ के समय काफी कारगर साबित हो सकता है।
सप्ताह में चार दिन चलेगा टीकाकरण अभियान- इससे पहले कोरोना टीकाकरण के विषय में जानकारी देते हुए डीएम ने कहा कि योग दिवस के मौके पर जिले में टीकाकरण की उपलब्धि काफी अहम रही है। इससे सबका मनोबल बढ़ा है। डीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार जिले में प्रतिमाह दो लाख लोगों को टीकाकरण किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए जिला प्रशासन योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रहा है। अब सप्ताह में चार दिन विशेष टीकाकरण अभियान चलाकर अधिक से अधिक लोगो का टीकाकरण किया जायेगा। जिले में वर्तमान में केवल 29 सक्रिय कोरोना मरीज है मगर लोगों को अब भी पूरी सजगता बरतनी चाहिए।