डीएम ने जीविका डीपीएम को दिया तालाबों के लिए प्रोड्यूसर ग्रुप बनाने का निर्देश
संसू अररिया समेकित मत्स्य पालन की प्रगति एवं उपलब्धि की मासिक समीक्षात्मक बैठक मंगलवार को सम
संसू, अररिया: समेकित मत्स्य पालन की प्रगति एवं उपलब्धि की मासिक समीक्षात्मक बैठक मंगलवार को समाहरणालय स्थित आत्मन हाल में की गई। इस मौके पर बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीएम प्रशांत कुमार सीएच ने जीविका को उपलब्ध कराए गए 07 मत्स्य तालाबों के लिए प्रोड्यूसर ग्रुप बनाने के लिए जीविका डीपीएम को निर्देश दिया। साथ ही साथ सभी तालाबों का स्थलीय निरीक्षण करने करने की बात भी कही। इस मौके पर पूर्व की बैठक में दिए गए निर्देशों के अनुपालन को लेकर मत्स्य, कृषि के विकास के तहत मखाना, मछली, बत्तख पालन, नए हैचरी निर्माण हेतु स्थल चिन्हित करने तथ मछली हाट निर्माण को लेकर गहन समीक्षा की गई। अतिक्रमित तालाबों को कराएं मुक्त बैठक में प्रखंड एवं अंचल वार सरकारी पोखर एवं सार्वजनिक पोखरों की अद्यतन स्थिति को लेकर गहन समीक्षा की गई। साथ ही साथ अतिक्रमित तालाबों एवं पोखरा को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए कई आवश्यक निर्देश दिए। जिला पदाधिकारी द्वारा भूमि सुधार उप समाहर्ता एवं अंचलाधिकारी को निर्देशित किया कि तालाबों के अतिक्रमण मुक्त कराने के क्रम में विस्थापित परिवारों को नियमानुसार वास भूमि उपलब्ध कराना सुनिश्चित कर मखाना के लिए कलस्टर को दी जाएगी राशि-
मखाना उत्पादन की समीक्षा के दौरान उद्योग महाप्रबंधक द्वारा बताया गया कि मुख्यमंत्री कुशल श्रमिक उद्यमी योजना अंतर्गत मोहनी रानीगंज स्थित सर्वश्री एमबी मखाना क्लस्टर को 15 लाख रूपये की राशि उपलब्ध कराया जाना है, जो अवसूलनीय है। अब तक मोहनी में शेड निर्माण के लिए 161500 की राशि निर्गत की गई है। मशीन क्रय आदेश निर्गत है अगले 10 से 15 दिनों में मशीन भी स्थापित हो जाएगी। जिसके पश्चात मखाना प्रोसेसिग का कार्य शुरू हो जाएगा। बताया गया कि यदि मखाना क्लस्टर मोहनी को आगे लाभप्रद करने के लिए जीविका के दीदी को प्रशिक्षित किया जाए तो दरभंगा के लोगों पर आत्मनिर्भर नहीं होना होगा। यह जिले में प्रवासियों के लिए पहली इकाई मखाना प्रोसेसिग से संबंधित है। इस कलस्टर से 100 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा और अप्रत्यक्ष रूप से 500 लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सकेगी। जिस पर जिला पदाधिकारी द्वारा मखाना प्रोसेसिग इकाई के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।
जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि हर हाल में योग्य किसानों को मत्स्य एवं बत्तख पालन से जोड़ते हुए सभी प्रकार के मत्स्य पालन से संबंधित योजनाओं का लाभ समय पर सुलभ कराएं। नए हैचरी निर्माण हेतु उपयुक्त जगह तलाशने हेतु संबंधित पदाधिकारी को निर्देशित किया गया। मौके पर अपर समाहर्ता अनिल कुमार ठाकुर, उप विकास आयुक्त मनोज कुमार, निदेशक डीआरडीए अनिल कुमार झा, वरीय उप समाहर्ता विजय कुमार एवं ओम प्रकाश, जिला उद्योग महाप्रबंधक, परियोजना निदेशक आत्मा, डीपीएम जीविका एवं संबंधित पदाधिकारी मौजूद थे।