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गुमटी भूमि प्रकरण में जांच दल ने एसडीओ को समर्पित किया प्रतिवेदन, नप के पास नही है कोई दस्तावेज

एसडीओ ने कहा जांच दल के समर्पित प्रतिवेदन का किया जा रहा है अवलोकन। - नगर परिषद के काय

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Jul 2022 12:11 AM (IST)Updated: Sun, 03 Jul 2022 12:11 AM (IST)
गुमटी भूमि प्रकरण में जांच दल ने एसडीओ को समर्पित किया प्रतिवेदन, नप के पास नही है कोई दस्तावेज
गुमटी भूमि प्रकरण में जांच दल ने एसडीओ को समर्पित किया प्रतिवेदन, नप के पास नही है कोई दस्तावेज

एसडीओ ने कहा जांच दल के समर्पित प्रतिवेदन का किया जा रहा है अवलोकन।

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- नगर परिषद के कार्यपालक से दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराने के संबंध में पूछा जाएगा स्पष्टीकरण।

फोटो नंबर 02 एआरआर 15 व 16

संवाद सूत्र, फारबिसगंज (अररिया): गुमटी के भूमि प्रकरण में अनुमंडल प्रशासन के निर्देश पर गठित जांच दल ने जांच करते हुए अपना प्रतिवेदन एसडीओ सुरेंद्र कुमार अलबेला को समर्पित कर दिया है। समर्पित प्रतिवेदन में सूत्रों के अनुसार बताया जाता है कि नगर परिषद के पास भूमि से संबंधित दस्तावेज, नगर परिषद स्थित गुमटी से संबंधित दस्तावेज के अलावा राजस्व प्राप्ति के भी कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं है। जांच दल को नप के कार्यपालक पदाधिकारी दीपक कुमार झा जो कि जांच दल के सदस्य भी बनाए गए थे उनके द्वारा कोई भी दस्तावेज जांच के दौरान उपलब्ध नहीं कराया गया है। जिसके बाद जांच दल के अध्यक्ष सह अपर एसडीओ रणजीत कुमार के द्वारा जांच को पूरा करते हुए प्रतिवेदन समर्पित किया गया है। वहीं सूत्रों की मानें तो नगर परिषद के पास राजस्व प्राप्ति, राजस्व निर्धारण से संबंधित कोई दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं है। नगर परिषद को अगर रेलवे ने भूमि दी है तो इसका भी दस्तावेज या साक्ष्य नगर परिषद में उपलब्ध नहीं है और जांच दल को समर्पित नहीं किया गया। इसके अलावा शहर में स्थित चार सौ गुमटी धारकों का विवरण, नाम व किन से कितना राजस्व प्राप्त होता है इसका भी कोई लेखा-जोखा उपलब्ध नहीं है। जानकारों की माने तो नगर परिषद के उस कस्टोडियन कर्मी के कारण आज 400 गुमटी धारकों का जीवन यापन खतरे में पड़ गया है। कर्मी तो अपने साथ दस्तावेज का गबन कर चुके हैं लेकिन आज उसका परिणाम नगर परिषद को राजस्व भुगतान करने वाले गुमटी धारकों को भी झेलना पड़ रहा है। इनसेट

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नप में राजस्व वसूली मद में जांच के बाद करोड़ों के गबन उजागर होने की संभावना -

गुमटी प्रकरण के जांच के बाद एक नया मोड़ सामने आया है। जिसमें नगर परिषद के द्वारा राजस्व वसूली मद में करोड़ों के गबन होने की संभावना बताया जा रहा है। गुमटी धारकों को प्रत्येक गुमटी का राजस्व निर्धारण कितना किया गया और उनसे अब तक कितने रुपये का राजस्व वसूला गया। इसका भी कोई रिकॉर्ड नगर परिषद में उपलब्ध नहीं है। बताया जाता है कि नप के कर्मी के द्वारा गुमटी धारक से राजस्व वसूली कर नगर परिषद का रसीद तो दिया जाता है लेकिन रसीद का आवंटन कहां से हुआ, किसके नाम पर हुआ और इसका रुपया कहां जमा हुआ इसका भी कोई लेखा-जोखा नहीं है। जांच के दौरान ही मामला सामने आया था कि गुमटी दुकानदारों से संपत्ति कर मद में 15 लाख 64 हजार रुपये वसूल किए गए, लेकिन उस राशि को बैंक में अब तक जमा नहीं कराया गया। जबकि नप नाजिर के बही खाते में उक्त राशि का जिक्र किया गया है। नगर परिषद के द्वारा संपत्ति कर मद में यह राजस्व 26 अगस्त 2021 से 22 अक्टूबर 2021 तक वसूल की गई है। दुकान भाड़ा एवं नक्शा स्वीकृति मद की वसूल की गई राशि भी 22 अक्टूबर 2021 से पूर्व नजीर बही से नदारद मिला था। राजस्व गबन मामला उजागर होने के बाद जांच टीम के द्वारा नाजिर बही को भी जब्त कर लिया गया था। कोट

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जांच दल ने प्रतिवेदन समर्पित कर दिया है। प्रतिवेदन का अवलोकन किया जा रहा है। समर्पित प्रतिवेदन में यह बात सामने आया है कि कार्यपालक पदाधिकारी जो जांच दल के सदस्य भी थे उनके द्वारा वांछित दस्तावेज जो मांगे गए वह उपलब्ध कराना था जो उन्होंने नहीं कराया है। इस संदर्भ में उनसे एक स्पष्टीकरण पूछा जाएगा उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। वर्तमान समय में गुमटी की जमीन एमएस और आरएस खतियान के अनुसार रेलवे की सड़क की जमीन है। अगर रेलवे ने नगर परिषद को जमीन लीज व डीड किया है तो उसका कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया है।

सुरेंद्र कुमार अलबेला

एसडीओ फारबिसगंज।


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