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2019 के कटाव पीड़ितों का अभी तक नहीं हुआ पुनर्वास, धरातल पर नहीं उतर सकी पुनर्वास योजना

संस. सिकटी (अररिया) सिकटी प्रखंड के मजरख पंचायत अन्तर्गत डैनिया गांव के विस्थापितों का पुन

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 May 2022 12:08 AM (IST)Updated: Mon, 23 May 2022 12:08 AM (IST)
2019 के कटाव पीड़ितों का अभी तक नहीं हुआ पुनर्वास, धरातल पर नहीं उतर सकी पुनर्वास योजना
2019 के कटाव पीड़ितों का अभी तक नहीं हुआ पुनर्वास, धरातल पर नहीं उतर सकी पुनर्वास योजना

संस., सिकटी (अररिया): सिकटी प्रखंड के मजरख पंचायत अन्तर्गत डैनिया गांव के विस्थापितों का पुनर्वास अभी तक नहीं हो पाया है। जबकि ये विस्थापित लोग 2019 से अपना घर बनाने के लिए सरकार की तरफ टकटकी लगाएं बैठे हैं। विगत वर्ष 12 जुलाई 2019 को आई भीषण बाढ़ में डैनिया गांव के करीब 34 परिवार विस्थापित हो गए थे। वहीं करीब 175 परिवार के लोग बाढ़ की चपेट में फंस चुके थे। लेकिन तीन वर्ष बीतने के बावजूद न ही बाढ़ पीड़ितों को सरकारी राशि हीं मुहैया कराई जा सकी है औऱ न ही विस्थापितों को जमीन ही मिल सका है। जबकि सरकार द्वारा विस्थापित परिवारों को भूमि और घर देकर बसाने की योजना संचालित है। इस बार भी नदी किनारे बसे गांव के लोग बारिश होने के कारण सहमे हुए हैं। डैनिया गांव के कटाव पीड़ितों में बालदे ठाकुर, भोला चौधरी, विडों देवी, बिन्देश्वर पासवान, मनोज बहरडार, नारायण, शम्भु चौधरी, मुन्ना चौधरी, बासो चौधरी ने बताया कि गांव में बहुत सारे ऐसे लोग शामिल हैं जिनको अभी तक वर्ष 2019 की बाढ़ सहायता राशि नहीं मिल पाई है। वहीं विस्थापितों में वासुदेव चौधरी, रामचंद्र मंडल, भदेलू सरदार, रामेश्वर मंडल, मंटू मंडल, रूपेश चौधरी, दुखाई पासवान, मंचन देवी, कविता देवी आदि ने कहा कि तीन वर्ष बीतने के बाद भी अभी तक न ही जमीन उपलब्ध कराई जा सकी है औऱ न हीं घर बनाने के लिए सरकार के तरफ से कोई राशि हीं मिली है। जबकि डैनिया गांव के बाढ़ पीड़ितों की इस मांग को लेकर विगत 23 अगस्त 2019 को दैनिक जागरण ने इस समस्या को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, लेकिन आज तक इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया है ।

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--क्या कहते हैं मुखिया: मजरख मुखिया रमेश कुमार यादव ने कहा कि यह समस्या सिर्फ इस पंचायत की ही नहीं है। कमोवेश सभी पंचायत में 2019 के बाढ़ पीड़ितों की यह समस्या है। डैनिया मध्य विद्यालय में अभी भी एक परिवार विस्थापित जीवन जी रहे हैं।

पैक्स अध्यक्ष ने दी जानकारी--इस संदर्भ में मजरख पैक्स अध्यक्ष भवेश कुमार राय ने बताया कि सीओ के निर्देशानुसार जमीन खोजने की बात कही गई थी। क्योंकि मजरख पंचायत में वास के लिए सरकारी जमीन उपलब्द्ध नहीं है। खुटहरा मौजा में जमीन मिली लेकिन सरकारी दर 6 हजार डिसमिल होने के कारण मामला फंसा हुआ है।

--बोले अंचलाधिकारी-- विस्थापितों में कुछ परिवारों ने अपना घर बना लिया है। यदि कुछ बचे हैं तो उनके द्वारा कोई आवेदन प्राप्त नहीं है। जमीन के लिए सरकारी दर और बाजार मूल्य के अंतर की जानकारी विभाग को दी गई है।


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