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सिकटी में नूना नदी के दोनों किनारे पर बसे गांवों का आस्तित्व खतरे में

संसू सिकटी (अररिया) फिलहाल नूना और बकरा नदी के जलस्तर में कमी दर्ज की गई है। इसके ब

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Jul 2022 12:35 AM (IST)Updated: Sat, 02 Jul 2022 12:35 AM (IST)
सिकटी में नूना नदी के दोनों किनारे पर बसे गांवों का आस्तित्व खतरे में
सिकटी में नूना नदी के दोनों किनारे पर बसे गांवों का आस्तित्व खतरे में

संसू, सिकटी (अररिया): फिलहाल नूना और बकरा नदी के जलस्तर में कमी दर्ज की गई है। इसके बावजूद पूर्वी क्षेत्र होकर बहने वाली नूना का कहर जारी है। वहीं पश्चिमी क्षेत्र से गुजरने वाली बकरा पिरगन्ज घाट से लेकर पलासी सीमा तक कटान करती हुई तेज धारा से गमन कर रही है। कटान के कारण पूरब दिशा में बहने वाली नूना नदी नई दिशा को छोड़ पुन: दिशा परिवर्तित कर अपनी पुरानी धारा में लौट गई है। थोड़े समय के लिए बड़ी आबादी को बाढ़ से तत्काल मिलती दिख रही है। लगातार बाढ़ को लेकर बहुत बड़ी आबादी त्राहिमाम की स्थिति में है। सभी ग्रामीण सड़कें कटकर ध्वस्त हो गई है। अभी भी कचना, सिघिया, घोड़ाचौक, बांसबारी, औलाबारी आदि गांवों में स्तिथि काफी नाजुक है। घरों में पानी लगा है। चापाकल से दूषित पानी निकल रहा है। लोगों के सामने खाने और पीने की बड़ी समस्या मुंह बाएं खड़ी है। मौसम में बदलाव के साथ ही वर्षा रुकने से पानी की धारा में कमी से लोगो ने ली राहत की सांस ली है। कुछ समय के लिए लोग अपने घरों को लौटने लगे है। जबकि नूना नदी पुन: अपने पुराने धारा को छोड़ कालूचौक से सटे दक्षिण घोडाचौक के नजदीक पक्की सड़क को काटते हुए सिघिया गांव के पूर्वी व पररिया से पश्चिमी भाग के बीच हो कर नई धारा में प्रवेश कर गया है। इस नई धारा में प्रवेश के साथ ही नदी के दोनों किनारे पर बसे दर्•ानों टोले का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। लगातार बाढ़ के कारण बीते दिनों घोडाचौक सिघिया पथ जो पूर्व से नदी के कटान से पूर्णतया जर्जर हो गई थी। इधर बाढ़ के पानी का दबाव नही झेल पाने के कारण नूना नई धारा में प्रवेश कर गया है। जिसके कारण दोनों तरफ नदी द्वारा कटाव का तांडव जारी है। घोडाचौक के समीप एक किलोमीटर दूर तक सड़क नदी के आगोश में सिमट गई है। जिससे सिघिया मुस्लिम टोला, मस्जिद टोला, यादव टोला, गांगेय टोला सहित कम से कम आधा दर्जन गांव को अस्तित्व खतरे में है। इतना ही नही पररिया वार्ड 15 मांझी टोला स्थित पानी के दबाव व कटाव के कारण एक दर्जन कच्चे घर धराशायी हो गया है। सभी विस्थापित जिदगी जीने को विवश हैं। जबकि प्रखंड के पश्चिमी में बहने वाली बकरा नदी के जलस्तर में कमी के साथ ही दर्•ानों जगहों पर भयानक कटाव जारी है। जिसके कारण एक गांव का दूसरे गांव तथा मुख्य सड़क से संपर्क भंग हो गया है। कौआकोह के वार्ड 10 व 11 में दर्•ानों घरों में बाढ़ का पानी अभी भी लगा हुआ है। ग्रामीण मुस्तफा, वासिक, सद्दाम, हसीब, अफसर, जफर, हासमोद्दीन,अतबारी, रहमान, नइम,अमेतुल, जुबैदा आदि ने बताया कि वे लोगा वर्षों से नूना का कहर झेल रहे हैं। लेकिन नई तटबंध निर्माण के कारण पुराने तटबंधों की मरम्मत नहीं की गई। पूर्व मुखिया मो ताहिर व नदीम ने बताया कि सरकार की ओर से सिघिया, घोड़ा चौक व बांसबाडी को बचाने का कोई प्रयास नहीं हुआ है। कई गांव का आस्तित्व समाप्त हो जायेगा। सिकटी विलायती बाड़ी पथ पर दहगामा ईदगाह टोले के निकट नई धारा में तेज बहाव के साथ पानी बहने से आवागमन बंद हो गया। वहीं धारा सालगोड़ी के पश्चिम से कब्रिस्तान होकर बहती बाढ़ का पानी सालगोड़ी कचना की सड़क के ऊपर से बह रहा है। पानी सालगोड़ी, कचना एवं अंसारी टोले के निचले भाग में बसे लोगों के घर आंगन में भी फैल गया है। जिससे कई गांव व टोले में नूना नदी का पानी भर गया है। घर के अंदर दो फीट से ऊपर पानी है। लोग बाढ़ को लेकर काफी भयभीत हैं। सीओ वीरेंद्र कुमार ने बताया कि प्रशासन की ओर से पूरी व्यवस्था की जा रही है। हल मुक्कल तैयारी की जा रही है।

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