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जंगल से भटका नील गाय ग्रामीणों ने पकड़कर वन विभाग को सौंपा

संसू.जोगबनी(अररिया) नेपाल के जंगलों से भटके एक नील गाय की प्रजाति जोगबनी थाना क्षेत्र के अमौ

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Dec 2019 12:18 AM (IST)Updated: Wed, 11 Dec 2019 12:18 AM (IST)
जंगल से भटका नील गाय ग्रामीणों ने पकड़कर वन विभाग को सौंपा
जंगल से भटका नील गाय ग्रामीणों ने पकड़कर वन विभाग को सौंपा

संसू.,जोगबनी(अररिया): नेपाल के जंगलों से भटके एक नील गाय की प्रजाति जोगबनी थाना क्षेत्र के अमौना वार्ड नंबर पांच स्थित मंसुरी टोला के एक बासबाड़ी से मंगलवार को ग्रामीणों ने पकड़कर पुलिस की मदद से वन विभाग को सौँप दिया। नील गाय के मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई तथा विलुप्त हो रही उक्त नील गाय के इस प्रजाति को एक झलक देखने के लिए स्थानीय ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। ग्रामीणों के अनुसार भटके नील गाय सोमवार की देर रात अमौना वार्ड नंबर पांच के मंसुरी टोला के पूरब की ओर पानी से भरे गहरे गड्ढे में फंस गई जिसे मंगलवार की सुबह स्थानीय ग्रामीणों ने उक्त गड्ढे से निकाला तथा किसी तरह रस्सी लगा कर बासबाड़ी में रखा गया। स्थानीय ग्रामीणों ने इसकी सूचना जोगबनी पुलिस को दी। सदल बल उक्त स्थान पर पहुंचे जोगबनी थाना के एसआई अनिल कुमार सिंह ने नील गाय को कब्जे में लेते हुए वन विभाग के हवाले कर दिया। विलुप्त हो रही इस प्रजाति के गाय को देखने के लिए लोगों की लगी रही भीड़।

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पकड़े गये उक्त नील गाय के प्रजाति को देखने लिए लोगों की भीड़ लगी रही। लोगों में यह बात की चर्चा आम थी कि वर्तमान में इस प्रजाति के नील गाय अक्सर नेपाल के जंगलों में देखा जा सकता है। ग्रामीणों ने बताया कि हो सकता यह नील गाय नेपाल के जंगलों से अपने झुंड से भटक कर भारत के मैदानी इलाकों में आ धमका हो । साथ ही नील गाय को सुदुर गांवो के देहाती भाषा मे तीन प्रकार के नामों से बोला जाता है जैसै घोड़गद्हा, घोड़परास व नीलगाय आदि नाम प्रचलित है। वहीं ग्रामीणों ने जब बथनाहा वन विभाग के प्रभात मिश्रा से उक्त नील गाय मिलने की सूचना दी गई तो उन्होंने यह कह कर बात को टालना चाहा कि उक्त नील गाय वन प्रजाति में नही आता इस हम लोग नही रख सकते। इसके बाद ग्रामीणों ने जोगबनी पुलिस सूचित कर बुलाया ।


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