गुरु भक्ति में ही मानव जीवन की सार्थकता: स्वामी विमलानंद
संसू.फुलकाहा (अररिया) नरपतगंज प्रखंड के फरही पंचायत के कोशिकापुर में दो दिवसीय सं
संसू.,फुलकाहा (अररिया): नरपतगंज प्रखंड के फरही पंचायत के कोशिकापुर में दो दिवसीय संतमत सत्संग का रविवार को समापन हो गया। सत्संग के दौरान बड़ी संख्या में आस पास के श्रद्धालु समेत पड़ोसी देश नेपाल के भी श्रद्धालु मौजूद थे। सत्संग के समापन समारोह को संबोधित करते हुए मधेपुरा जिला के सिघेश्वर गुरुधाम से पधारे स्वामी विमलानंद जी महाराज ने अपने वाणी में कहा मानव जीवन की सार्थकता गुरु भक्ति में है। अटल श्रद्धा और प्रेम से गुरु के बताए मार्ग पर चलने से अवश्य ही गुरु कृपा होती है। बाबा ने कहा कि मानव शरीर ईश्वर भजन के लिये मिला है। क्योंकि मानव जीवन दुर्लभ है। इसलिए ईश्वर की भक्ति और भजन हर मनुष्य को करना चाहिये ताकि मोक्ष की प्राप्ति हो सके। इसके लिये मांस मदिरा, व्यभिचार और हिसा से लोगों को दूर रहना चाहिये। उन्होंने कहा कि मानव जीवन को सफल बनाने के लिए नियमित ढंग से सदाचार का पालन करते हुए सत्संग तथा ध्यान अवश्य करना चाहिए। वहीं सत्संग में मनराज बाबा ने खासकर युवाओं के विनम्रता के महत्ता पर प्रकाश डाले जिस संदर्भ में उन्होंने बताया कि श्रद्धा पूर्वक आयु,बल,विद्या, और ऐश्वर्या की प्राप्ति होती है। विमलानंद बाबा ने राष्ट्रीय के संविधान के बारे में भी लोगों को बताया। वहीं सत्संग को भूमि बाबा ने संबोधित करते हुए कहा कि ईश्वर भक्ति में तीन बातों की प्रधानता है स्तुति, प्रार्थना और उपासना स्तुति से मनोबल बढ़ता है प्रार्थना से आत्मबल बढ़ता है तथा उपासना से परमात्मा के सानिध्य पहुंचाता है। सुपौल की आरती कुमारी, आदित्य आनंद एवं स्वाति कुमारी तथा भरगामा के शेखपुरा की ज्ञानेश्वरी ने बाबा भजनों से सत्संग प्रेमियों मन मोह लिया। सत्संग में हजारों की संख्या में सत्संगी उपस्थित हुए। जिसमें नरपतगंज, रामघाट, चंदा, देवीगंज, दरगाहीगंज, कन्हैली, लक्ष्मीपुर एवं कई जगहों से सत्संगियों ने सत्संग सुनने पहुंचे थे। सतसंग में भंडारा का भी आयोजन किया गया था। सत्संग स्थल पर खिलोने आदि की भी दुकान लगी हुई थी। सत्संग को सफल बनाने में स्थानीय लोगों का सक्रिय योगदान रहा। सतसंग को सफल बनाने में मुखिया वीणा देवी, मुखिया प्रतिनिधि धीरेंद्र कुमार सिंह, बुलबुल यादव, उमेश राणा, पिटू यादव, राजेश यादव, सुबोध सिंह, राजकिशोर मंडल, यमुना मंडल, डॉ मनोज यादव, तेजनारायण साह, विनोद यादव, अनिल यादव, युवराज यादव, चंदन कुमार, सुरेश बहरदार आदि सतसंग में सहयोग दे रहे थे।