जनाजे को दिखा चचरी का सहारा..
-फारबिसगंज के रामपुर कजरा धार में पुल नही होने से हजारों की आबादी प्रभावित - चचरी
-फारबिसगंज के रामपुर कजरा धार में पुल नही होने से हजारों की आबादी प्रभावित
- चचरी पुल से जान जोखिम में डालकर हजारों लोग रोज करते है आवागमन
- पंचायत के लोगो ने जनप्रतिनिधियों पर लगाया आश्वासन देने का आरोप
फोटो नंबर 11 एआरआर 22
कैप्शन: फारबिसगंज के कजरा धार में चचरी के सहारे जनाजा ले जाते लोग
संवाद सूत्र.,फारबिसगंज(अररिया): आजादी के 72 साल बाद भी विकास से अछूता फारबिसगंज प्रखंड का एक गांव है जहां आज भी जनाजे को चचरी का सहारा है। प्रखंड के रामपुर उत्तर कजरा धार में पुल नहीं बनने के कारण हजारों की आबादी प्रभावित है। वही चचरी पुल के माध्यम से सैकड़ों लोग रोजाना जान जोखिम में डालकर आवागमन करते हैं। इसी क्रम में एक ऐसा नजारा दिखा जिसमें जनाजे को लेकर दर्जनों की संख्या में लोग जान जोखिम में डालकर पुल पार करते हुए नजर आए। जानकारी के मुताबिक गुरुवार को धत्ता टोला के 60 वर्षीय वशीर अंसारी का इंतकाल हो गया। जिसके जनाजे के स्थानीय लोग चचरी के सहारे कजरा धार के उस पार स्थित नहर वाले कब्रिस्तान में दफनाने के लिए ले जा रहे थे। हैरत की बात यह है कि जनाजे को सहारा देने वाले सभी लोगों के नदी में गिरने की खतरा था। बावजूद इसके लोग चचरी पुल पार करके कब्रिस्तान की ओर जा रहे थे। इस संबंध में गांववासी आफताब अंसारी, जावेद अंसारी, मुमताज अंसारी, मुजाहिद अंसारी, हामिद अंसारी, मुस्ताक अंसारी आदि ने बताया कि इस प्रकार से चचरी पुल पार करना उनकी नियति बन गई है। सालों से जनप्रतिनिधियों, सांसद, विधायक आदि के द्वारा सिर्फ आश्वासन ही दिया जा रहा है। लेकिन कजरा धार में पुल का निर्माण अब तक नहीं हो सका है। जदयू नेता इम्तियाज अंसारी ने कहा कि विगत साल पहले पूर्व सांसद सरफराज आलम के द्वारा भी कजरा धार का निरीक्षण किया गया था। उस समय भी जल्द ही पुल बनाने की बात उन्होंने कही थी। पुल नहीं होने के कारण कजरा धार में कई लोगों की डूबने से मौत हो चुकी है। 2016 की बाढ़ में रामपुर दक्षिण निवासी मो. नुरुल की मौत कजरा धार में डूबकर आवागमन के दौरान हो गई थी। इस साल अगस्त में भी मो. समीद के इंतकाल के बाद जनाजा ले जाने के लिए तत्कालीन एसडीओ रवि प्रकाश के द्वारा मोटर बोट मुहैया कराया गया था। जिसके बाद ही जनाजा को कब्रिस्तान तक ले जाना संभव हो सका था।