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सिकटी में 42 किसानों को अबतक मिला धान क्रय योजना का लाभ

संसूसिकटी (अररिया) एक तरफ जहां सरकार किसानों के धान की सरकारी दर पर खरीदने की

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Jan 2021 11:53 PM (IST)Updated: Sat, 09 Jan 2021 11:53 PM (IST)
सिकटी में 42 किसानों को अबतक मिला धान क्रय योजना का लाभ
सिकटी में 42 किसानों को अबतक मिला धान क्रय योजना का लाभ

संसू,सिकटी (अररिया): एक तरफ जहां सरकार किसानों के धान की सरकारी दर पर खरीदने की व्यवस्था कर उनकी हालत सुधारने के लिए प्रयास कर रही हैं।लेकिन सिकटी प्रखंड मे धान क्रय योजना मात्र बियालीस किसानो को ही इसका लाभ दिया गया। लोगों को इसमें इसमें हो रहे घालमेल की आशंका हो रही है। जिससे ऐसा लगता है कि इस योजना का लाभ किसानों के बजाय अन्य लोगों को मिलने के उद्देश्य से ही ऐसा किया गया है।गौरतलब है कि सिकटी प्रखंड क्षेत्र में अभी तक मात्र 42 किसानों से ही 3434 क्विटल ही धान खरीद की गई है। सिकटी प्रखंड में लाखों की संख्यां में किसान मजदूर है।सिकटी में अधिकांश मजदूर बटाइ पर खेती भी करते हैं। लेकिन यहां के किसानों को सरकारी स्तर पर दी जाने वाली सुविधा का लाभ वास्तविक किसानों को नहीं मिल पाती है।जबकि सरकारी स्तर पर सिकटी प्रखंड में व्यापार मंडल को पांच सौ एमटी व पैक्स को 252 एमटी धान खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। जिसमें से व्यापार मंडल ने 16 किसानों से एक हजार दो सौ नौ(1209) क्विटल की धान खरीद की है।खोरागाछ पैक्स द्वारा दस किसानों सेआठ सौ छह(806) क्विटल धान की खरीद की है।जबकि बरदाहा पैक्स द्वारा 16 किसानों से एक हजार चार सौ उनीस(1419)क्विटल की धान खरीद की है।बोकंतरी पैक्स में अभी तक धान खरीद की प्रक्रिया शुरू भी नहीं की गयी है।सिकटी मे चौदह में से ग्यारह सुपरसीड है। किसान मनोहर मिश्र ने बताया कि आज से 15 दिन पूर्व व्यापार मंडल को लगभग 60 क्विटल धान बेचा है, लेकिन अभी तक धान का पैसा खाता में नहीं आया है।अलीम खान,फुल बाबू ने बताया कि हमने धान बेचकर गेहूं व मक्का का खेती कर लिया है। पैक्स व व्यापार मंडल में धान बेचने पर पैसा के लिये महिनों चक्कर लगाना पड़ता है। ऐसे में हमलोग छोटे किसान व्यापार मंडल व पैक्स में कैसे धान बेच सकते हैं। दिनेश मंडल ने बताया कि हमलोग छोटा किसान है गेहूं व मकई के बुआई में पैसा लगता है तब तक हमलोग धान बेच देते हैं जब व्यापार मंडल व पैक्स में धान की खरीद की जाती है किसान कृष्ण मोहन मंडल ने बताया कि हमलोगों को सरकारी स्तर पर दी जाने वाली लाभ अभी तक नहीं मिल पाया है।किसानों को दी जाने वाली सारी सुविधा व लाभ बिचौलिए व दलाल उठा लेते हैं।जिम्मेदार लोगों की मिलीभगत से व्यापारी का धान खरीद कर किसानों का नाम पंजीकृत कर दिया जाता है। जिसका जीता जागता उदाहरण धान क्रय पंजी से दिख रहा है। मात्र 42 किसानों से ही धान की खरीद की गई। यह पूरी तरह गंभीर जांच का विषय है।

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इस संबंध में बीडीओ राकेश कुमार ठाकुर ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर पैक्स व व्यापार मंडल का जांच किया गया था जिसमें व्यापार मंडल व पैक्स में कुल 42 किसानों से तीन हजार चार सौ चौतीस (3434) क्विटल धान की खरीद की गयी थी। बीडीओ ने बताया कि जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी गयी है।


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