शॉर्ट-सर्किट के रिस्क के कारण 7 लाख एसयूवी रिकॉल करेगी फॉक्सवैगन
फॉक्सवैगन दुनियाभर से अपनी 7 लाख एसयूवी को रिकॉल कर रही है। इन एसयूवी की सनरूफ में लगी लाइट में गीली होने पर शॉर्ट-सर्किट होने का खतरा है।
नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। जर्मन ऑटो कंपनी फॉक्सवैगन दुनियाभर से अपनी 7 लाख एसयूवी को रिकॉल कर रही है। इन एसयूवी की सनरूफ में लगी लाइट में गीली होने पर शॉर्ट-सर्किट होने का खतरा है। 5 जुलाई से पहले बने Tiguan और Touran में यह खतरा है। शॉर्ट-सर्किट से रूफ में आग लगने का भी खतरा है।
कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि हम इस फॉल्ट को फिक्स करने की कोशिश कर रहे हैं। जल्द ही हम टेस्टिंग पूरी कर लेंगे ताकि ग्राहक रिपेयरिंग के लिए अपनी कारों को ला सकें। उन्होंने कहा कि अगर ग्राहकों को अपनी कारों में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं लगती है तो ग्राहक अपनी कारें इस्तेमाल करते रह सकते हैं।
इससे पहले जुलाई में फॉक्सवैगन ने कहा कि उसे 1.24 लाख इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कारें रिकॉल करनी पड़ सकती है। इन कारों में कैडमियम धातु मिली है जो कैंसर का कारण हो सकती है। टीवी जैसे इलेक्ट्रिक अप्लायंस में इस्तेमाल होने वाली कैडमियम का कार के कलपुर्जों में इस्तेमाल प्रतिबंधित है।
2013 से जून 2018 के बीच बनी फॉक्सवैगन, ऑडी और पोर्शे की कुछ इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कारों में कैडमियम लगा बैटरी चार्जर लगा हुआ है। Wolfsburg ग्रुप ने इस बात को पता लगाया और जुलाई में अथॉरिटी को सूचना दी। इन चार्जर में 0.008 ग्राम कैडमियम इस्तेमाल किया गया है।
मारुति सुजुकी स्विफ्ट और डिजायर भारत में हुई रिकॉल
कुछ दिन पहले मारुति सुजुकी ने भारतीय बाजार में नई जनरेशन स्विफ्ट और डिजायर मॉडल का स्वैच्छिक रिकॉल किया था। कंपनी ने यह रिकॉल एयरबैग कंट्रोल यूनिट में संभावित फॉल्ट के चलते किया है। कंपनी ने कुल मिलाकर 1279 वाहनों का रिकॉल किया है, जिसमें 566 स्विफ्ट और 713 डिजायर मॉडल्स मौजूद हैं। ये दोनों मॉडल्स 7 मई और 5 जुलाई 2018 के बीच बनाए गए हैं।