टू-व्हीलर कंपनियां प्रोडक्शन शुरू करने को तैयार, कर रही शोरूम खुलने का इंतजार
टू-व्हीलर निर्माता कंपनियां प्रोडक्शन के लिए पूरी तरह से तैयार दिख रही हैं। उन्हें अब डीलरों के शोरूम खुलने का इंतजार है।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। टू-व्हीलर निर्माता कंपनियां प्रोडक्शन के लिए पूरी तरह से तैयार दिख रही हैं। उन्हें अब डीलरों के शोरूम खुलने का इंतजार है। कंपनियां मई में अपनी प्रोडक्शन क्षमता के 50 फीसद तक प्रोडक्शन कार्य करने में खुद को सक्षम बता रही है। कंपनियों का कहना है कि अभी घरेलू स्तर पर दोपहिया मांग का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। पूर्ण रूप से लॉकडाउन हटने के बाद ही इस प्रकार का कोई अनुमान लगाया जा सकता है।
होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया के निदेशक (सेल्स व मार्केटिंग) यदविंदर सिंह गुलेरिया ने बताया कि उनकी कंपनी प्रोडक्शन के लिए तैयार है और उनकी दो-तीन यूनिट को प्रोडक्शन की मंजूरी भी मिल गई है। वहां सैनिटाइज करने से लेकर प्रोडक्शन संबंधी अन्य प्रकार की तैयारियां चल रही हैं। लेकिन प्रोडक्शन के लिए सबसे जरूरी चीज है उस वस्तु की खपत। इसके अलावा सप्लाई चेन भी पूरी तरह से चालू होने पर ही प्रोडक्शन को पूर्ण गति दी जा सकती है। इन दोनों ही मामले में अभी रुकावट है। उन्होंने बताया कि पुणे जैसे रेड जोन वाले इलाके में अभी प्रोडक्शन मुश्किल है। कंपनी अभी मांग को लेकर आश्वस्त नहीं है। उनका कहना है कि पूर्ण रूप से नेटवर्क के शुरू होने पर ही मांग के बारे में कोई अनुमान लगाया जा सकता है। अब कंपनियां लॉकडाउन और कोरोना से पूरी तरह मुक्त होने के बाद के सामाजिक व आर्थिक व्यवहार में आने वाले बदलाव पर नजर रख कर आगे की योजना बना सकती हैं।
बजाज ऑटो के मुताबिक कंपनी को पंतनगर स्थित अपने प्लांट को पूरी क्षमता के साथ चलाने की इजाजत मिल गई है। कंपनी प्रबंधकों का मानना है कि डीलरशिप के पूरी तरह से चालू होने पर ही प्लांट पूर्ण रूप से प्रोडक्शन कर सकता है। कंपनी मई माह में 50 फीसद क्षमता पर प्रोडक्शन कर सकती है। एक-दो फीसद डीलर के काम करने से प्रोडक्शन में गति नहीं आ सकती है। बजाज के पास निर्यात के अच्छे ऑर्डर भी है।
पैसेंजर कार के प्रोडक्शन में हो सकती है देरी: दोपहिया वाहन कंपनियां मई महीने से प्रोडक्शन आरंभ करने की तैयारी में हैं, लेकिन कार कंपनियां प्रोडक्शन शुरू करने के मामले में थोड़ी धीमी दिख रही है। कंपनियों ने बताया कि पैसेंजर कार का स्टॉक 2.5-3 लाख के बीच है। प्रतिमाह की बिक्री भी इस स्टॉक से कम ही है। ऐसे में डीलर पुरानी कारों की बिक्री होने के बाद ही नई कार लेना चाहेगा क्योंकि एक सीमा तक ही डीलर स्टॉक रख सकता है। इस स्थिति में जून महीने में ही कार कंपनियों के प्रोडक्शन में तेजी आने की संभावना है।