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खत्म होंगे नेशनल हाईवे पर लगे टोल प्लाजा, बिना रुके GPS से कटेगा टैक्स, नितिन गडकरी ने किया ऐलान

मंत्रालय के अनुसार राजमार्गों पर चलने वाले लगभग 93 प्रतिशत वाहनों ने टोल का भुगतान करने के लिए FASTag का उपयोग करना शुरू कर दिया है। गडकरी ने बताया कि उन 7 प्रतिशत वाहनों के लिए पुलिस से जांच के लिए कहा गया है ।

By BhavanaEdited By: Published: Fri, 19 Mar 2021 09:23 AM (IST)Updated: Fri, 19 Mar 2021 09:23 AM (IST)
खत्म होंगे नेशनल हाईवे पर लगे टोल प्लाजा, बिना रुके GPS से कटेगा टैक्स,  नितिन गडकरी ने किया ऐलान
टोल प्लाजा की तस्वीर (फोटो साभार: जागरण फाइल फोटो)

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। National Toll Plaza Update: भारत में नेशनल हाईवे पर टोल प्लाजा को लेकर लगातार नए नियम बनाए जा रहे हैं। इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने संकेत दिए कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्लाजा एक साल के भीतर हटा दिए जाएंगे। लोकसभा में बोलते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि अगले वर्ष से देश के सभी टोल बूथों को जीपीएस-बेस्ड टोल संग्रह में बदल दिया जाएगा।

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मंत्रालय के अनुसार राजमार्गों पर चलने वाले लगभग 93 प्रतिशत वाहनों ने टोल का भुगतान करने के लिए FASTag का उपयोग करना शुरू कर दिया है। गडकरी ने बताया कि उन 7 प्रतिशत वाहनों के लिए पुलिस से जांच के लिए कहा गया है जो अभी तक फैस्टैग का उपयोग कर टोल का भुगतान नहीं कर रहे हैं।  इस नियम को इस वर्ष 15 फरवरी को लागू किया गया था।

नितिन गडकरी ने कहा कि, "मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एक वर्ष के भीतर देश सभी टोल बूथों को हटा दिया जाएगा। जिसके बाद टोल GPS के माध्यम से लिया जाएगा। " इस नियम के लागू होने पर GPS के जरिए टोल की वसूली होगी। सड़क के एंट्री और एग्जिट पर कैमरे लगाए जाएंगे। यानी जब आप किसी सड़क पर एंट्री करेंगे और वहां निकलेंगे तो दोनों जगह आपकी गाड़ी की तस्वीर कैमरे से रिकॉर्ड कर ली जाएगी। जिसके हिसाब से आपसे टोल लिया जाएगा। 

यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग 2019 से बिक्री में गिरावट से जूझ रहा है और COVID-19 के प्रकोप ने वाहन निर्माताओं के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। उद्योग को वापस से पटरी पर लानें के लिए सरकार ने व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी की घोषणा की है। जिसके बारे में जानकारी लोकसभा में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने साझा किया है।

इन्होंने बताया कि 20 साल पुराने निजी वाहनों को फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा। जबकि इस टेस्ट के लिए वाणिज्यिक वाहनों को 15 वर्ष बाद गुजरना होगा। इस फिटनेस टेस्ट में विफल रहने वाले वाहनों को 'end of life vehicles' के रूप में योग्य माना जाएगा। इसके साथ ही पुराने वाहनों की आरसी को रिन्यू कराने के लिए भी सरकार ने लागत में 8 गुना तक वृद्धि करने का निर्णय लिया है।


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