भारत में 2-3 साल भी नहीं टिक पाई ये 5 कारें, देखें इन गाड़ियों की लिस्ट
कई कार कंपनियों ने तो अपने कुछ मॉडल्स की बिक्री 2-3 साल में ही भारत में बंद कर दी। ये जल्द बंद होने वाली गाड़ियों में होंडा की मोबिलियो से लेकर फोर्ड की कारें तक शामिल हैं
नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। भारतीय बाजार कार कंपनियों के लिए लगातार खास बनता जा रहा है। देश में बढ़ते कार ग्राहकों को भुनाने के लिए कार कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा भी काफी तेज हुई है। इसी प्रतिस्पर्धा के चलते कई कार कंपनियों ने तो अपने कुछ मॉडल्स की बिक्री 2-3 साल में ही भारत में बंद कर दी। इन जल्द बंद होने वाली गाड़ियों में होंडा की मोबिलियो से लेकर फोर्ड की कारें तक शामिल हैं। इन कारों को कंपनियों की ओर से बंद करने के पीछे कई बड़े कारण भी हैं। तो आइए जानते हैं इन कारों के बारे में कि आखिर कंपनियों को क्यों अपने ये मॉडल्स जल्दी बंद करने पड़े।
होंडा मोबिलियो
उत्पादन: 2014 से लेकर 2017 तक
होंडा मोबिलियो एक मल्टी पर्पज व्हीकल (MPV) थी, जिसके उत्पादन और बिक्री को भारत में बंद कर दिया है। होंडा मोबिलियो में वही इंजन लगाया गया है जो होंडा सिटी में था। इसके पेट्रोल वेरिएंट में 1.5 लीटर iVTEC पेट्रोल मोटर थी, जोकि अधिकतम 117 bhp पावर जनरेट करने की क्षमता रखती थी। कंपनी ने इसका स्पोर्टी वेरिएंट भी लॉन्च किया था, लेकिन मोबिलियो भारत में ज्यादा समय तक नहीं टिक पाई और मारुति आर्टिगा ने इसकी बिक्री काफी ज्यादा घटा थी।
शेवरले ट्रेलब्लेजर
उत्पादन: 2015 से लेकर 2017 तक
शेवरले इंडिया की फ्लैगशिप कारों में एक ट्रेलब्लेजर भी भी। यह कार एक मजबूत और ज्यादा परफॉर्मेंस देने वाली कार थी। इस कार का इंजन 197bhp की अधिकतम पावर और 500Nm का टॉर्क जनरेट करता है। कार में काफी ज्यादा स्पेस दिया गया था और यह ज्यादा समय तक नहीं टिक पाई।
भारत में बंद हो चुका है शेवरले ब्रैंड
जनरल मोटर्स इंडिया ने 18 मई 2017 में घोषणा थी कि वह इस साल के अंत तक कारों को बेचना बंद कर देगी और केवल एक्सपोर्ट ऑपरेशन पर ही फोकस करेगी। जनरल मोटर्स की ओर से लिया गया फैसला जीएम इंडिया के भविष्य की योजना को देखते हुए लिया गया है। जीए इंडिया भारत में शेवरले ब्रैंड की बिक्री करती थी।
प्यूजो 309
उत्पादन: 1994 से लेकर 1997 तक
भारतीय बाजार में इस कार को काफी पसंद किया गया था, लेकिन खराब सर्विस और कम डीलर नेटवर्क के चलते यह ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाई थी। इस कार में 1.4 लीटर पेट्रोल इंजन दिया गया था, जो 70 bhp की पावर और 110 Nm का टॉर्क जनरेट करता है।
ओपल वेक्ट्रा
उत्पादन: 2003 से लेकर 2005 तक
ओपल वेक्ट्रा का शानदार लुक होने के चलते भी यह भारत में फेल हो गई। यह कार भारतीय बाजार में CBU रूट के जरिए बेची जा रही थी, जिस वजह से इसकी कीमत काफी ज्यादा थी। इस कार में 2.2 लीटर पेट्रोल इंजन था, जो 146 bhp की पावर और 203 Nm का टॉर्क जनरेट करता है।
फोर्ड फिएस्टा
उत्पादन: 2011 से लेकर 2015 तक
स्पोर्टी लुक के चलते फोर्ट फिएस्टा फेसलिफ्टा का फ्रंट एस्टन मार्टिन की तरह लगता था। इसके बावजूद भी फिएस्टा की डिमांड भारतीय बाजार में काफी कम रही। कंपनी ने इस कार में 1.5 लीटर डीजल इंजन दिया था।