टेस्ला ने की आधिकारिक रूप से तुर्की में एंट्री, भारत में इलेक्ट्रिक कार लॉन्च पर समस्या बरकरार
टेस्ला अपने ग्राहकों की सुविधा के लिए सुपरचार्जर पर तेजी से काम कर रहा है। ईवी निर्माता कंपनी समय देश में एक सुपरचार्जर नेटवर्क विकसित करने पर भी काम कर रही है टेस्ला की वेबसाइट के अनुसार कंपनी कई देशों में अपने विस्तार पर काम कर रही है।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क की इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी टेस्ला ने आधिकारिक तौर पर तुर्की के बाजार में प्रवेश कर लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तुर्की के पूर्व सलाहकार और ई-गराज के सह-संस्थापक, एमीर ट्यून्युरेक, टेस्ला तुर्की के संचालन का प्रबंधन करेंगे। हालांकि, टेस्ला की कारें अभी भी भारतीय बाजार में प्रवेश नहीं कर रही हैं, क्योंकि अन्य देशों की तुलना में भारत में टैक्स ज्यादा लगता है।
तुर्की बाजार में बिकी इतनी इलेक्ट्रिक कारें
पिछले साल 2021 में तुर्की बाजार में टेस्ला की गाड़ियों को पहले की तुलना अधिक प्यार मिला, जहां कंपनी ने साल 2021 में कुल लगभग 4,000 इलेक्ट्रिक कारें बेची हैं।
सुपरचार्जर पर चल रहा काम
आपको जानकारी के लिए बता दें, टेस्ला अपने ग्राहकों की सुविधा के लिए सुपरचार्जर पर तेजी से काम कर रहा है। ईवी निर्माता कंपनी समय देश में एक सुपरचार्जर नेटवर्क विकसित करने पर भी काम कर रही है। टेस्ला की वेबसाइट सूचीबद्ध करती है कि वह अंकारा, एंटाल्या, आयडिन, बर्सा, एडिरने, इस्तांबुल और कोन्या में देश के कुछ क्षेत्रों के नाम रखने के लिए सुपरचार्जर के साथ आ रही है।
टेस्ला का भारत आगमन में बाधा
हाल ही में, मस्क ने ट्वीट करके बताया था कि उन्हें भारत में अपनी कार लॉन्च के लिए 'कई चुनौतियों' का सामना करना पड़ रहा है। मस्क ने ट्वीट में लिखा था कि अभी भी सरकार के साथ कई चुनौतियों का सामना कर रहा हूं। मस्क एक ट्विटर उपयोगकर्ता को जवाब दे रहे थे, जिन्होंने पूछा था कि यो एटदरेट एलन मस्क भारत में टेस्ला की लॉन्चिंग के बारे में कोई और अपडेट? वे बहुत बढ़िया हैं और दुनिया के हर कोने में रहने के लायक हैं। टेस्ला इस साल भारत में आयातित कारों की बिक्री शुरू करना चाहती है, लेकिन उनका कहना है कि देश में कर दुनिया में सबसे ज्यादा हैं।
इस समय भारत 40,000 डॉलर (30 लाख रुपये) से अधिक कीमत की आयातित कारों पर 100 प्रतिशत कर लगाता है, जिसमें बीमा और शिपिंग खर्च शामिल हैं और 40,000 डॉलर से कम की कारों पर 60 प्रतिशत आयात कर लगता है।