Skoda के डीलर ने कार में शिकायत आने पर किया नजरअंदाज, अब 6 साल बाद भरना पड़ा जुर्माना, जानें क्या है मामला
इस बात से नाराज ग्राहक ने ठाणे जिले के उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में शिकायत दर्ज कर दी। आयोग ने स्कोडा ऑटो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उसके डीलर को सेवाओं में कमी के लिए दोषी ठहराया हैऔर उन्हें ग्राहक को छह लाख से अधिक का भुगतान करने के लिए कहा।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। Skoda Auto: नए वाहन को खरीदते समय ग्राहक और डीलरशिप दोनों ही उसके पार्टस और इंजन की पूरी तसल्ली करते हैं, लेकिन कई बार डीलरशिप की लापरवाही के कारण ग्राहक को कार खरीदनें के सालों बाद तक भी उसमें लगातार पैसा लगाना पड़ जाता है। हाल ही में इसी तरह का केस इंटरनेट पर सुर्खियो में हैं। बता दें, प्रमुख वाहन निर्माता कंपनी स्कोडा ऑटो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उसके डीलर ने इसी तरह की लापरवाही के लिए ग्राहक को वाहन खरीदनें के 6 साल बाद 6 लाख रुपये की राशि वापस की है।
क्या है मामला :दरअसल, पालघर जिले के दहानू के रहने वाले धनेश मोठे ने साल 2014 में स्कोडा डीलर जेएमडी ऑटो प्राइवेट लिमिटेड से आठ लाख से अधिक की कीमत की स्कोडा कार खरीदी थी। कार का प्रयोग करते समय उन्हें ब्रेक फेल, संस्पेंशन में परेशानी और पावर विंडो के इस्तेमाल में परेशानी लगी। जिसकी शिकायत उन्होंने स्कोडा डीलर से की। हालांकि इन मुद्दों के बारे में सूचित करने के बावजूद कंपनी ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की और उनसे कहा गया कि अगर वाहन में परेशानी है तो 6 लाख रुपये और लगेंगे। जिसके बाद कार सही की जाएगी।
6 लाख रुपये वापस करने का मिला आदेश: इस बात से नाराज ग्राहक ने ठाणे जिले के उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में शिकायत दर्ज कर दी। जिसके बाद आयोग ने कार निर्माता कंपनी स्कोडा ऑटो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उसके डीलर को सेवाओं में कमी के लिए दोषी ठहराया है और उन्हें ग्राहक को छह लाख से अधिक का भुगतान करने के लिए कहा। आयोग के अध्यक्ष एस जेड पवार और इसके सदस्य पूनम वी महर्षि ने इस महीने के शुरू में इस आदेश को पारित किया था।
अपने आदेश में आयोग ने देखा कि कंपनी वाहन में दोषों को दूर करने और वारंटी के अनुसार काम करने में विफल रही। जिसके चलते आयोग ने अपने आदेश में स्कोडा को 6 लाख की राशि वापस करने के लिए कहा। हालांकि शिकायतकर्ता ने वाहन का उपयोग 60,000 किलोमीटर से अधिक के लिए कर लिया है, जिसके कारण वाहन की पूरी राशि वापस नही की जा सकती है। आयोग ने कहा कि "हमारे विचार में शिकायतकर्ता वाहन की 75 प्रतिशत लागत की वापसी के लिए हकदार है, जो करीब 6 लाख बैठती है।"