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RBI ने वाहनों को लोन देने वाली इस संस्था पर लगाया 5 लाख का जुर्माना, जानें क्या है कारण

बैंक ने कहा कि कंपनी को नोटिस जारी किया गया था कि वह बताए कि जारी निर्देशों का पालन करने में विफलता के लिए जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए। कंपनी अपने ग्राहकों के साथ किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता का उच्चारण करने का इरादा नहीं रखती है।

By BhavanaEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 12:23 PM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 12:23 PM (IST)
RBI ने वाहनों को लोन देने वाली इस संस्था पर लगाया 5 लाख का जुर्माना, जानें क्या है कारण
निसान और रेनो की प्रतिकात्म्क तस्वीर फोटो साभार निसान

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क।  भारतीय रिजर्व बैंक ने केंद्रीय बैंक के निर्देशों का पालन न करने के लिए चेन्नई स्थित निसान रेनो फाइनेंशियल सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर 5 लाख का जुर्माना लगाया है। ​आरबीआई की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि यह जुर्माना कंपनी में निहित निर्देशों के अनुपालन के लिए नॉन-बैंकिंग वित्तीय कंपनी पर लगाया गया है।  जिसमें व्यवस्थित रूप से नॉन-डिपॉजिट टेकिंग कंपनी और डिपॉजिट टेकिंग कंपनी के निर्देश 2016 फेयर प्रैक्टिस कोड एनबीएफसी पर लागू होता है।  

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बता दें, निसान रेनो फाइनेंशियल सर्विसेज इंडिया का वैधानिक निरीक्षण वित्तीय स्थिति के संदर्भ में 31 मार्च, 2019 को किया गया था। जिसमें कंपनी आरबीआई के निर्देशों का अनुपालन करते हुए इंटर आलिया करती पाई गई। शीर्ष बैंक ने कहा कि "कंपनी को नोटिस जारी किया गया था कि वह यह बताए कि जारी निर्देशों का पालन करने में विफलता के लिए जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए।"

"कंपनी द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों के नोटिस और परीक्षण के बारे में कंपनी के जवाब पर विचार करने के बाद आरबीआई ने निष्कर्ष निकाला कि आरबीआई के निर्देशों का पालन न करने के चलते कंपनी पर मौद्रिक दंड की पुष्टि और वारंट लगाया जाना चाहिए।" 

केंद्रीय बैंक के अनुसार कंपनी पर विनियामक अनुपालन में कमियों के कारण यह कार्रवाई की गई है। क्योंकि इससे यह साफ होता है कि कंपनी अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता का उच्चारण करने का इरादा नहीं रखती है।


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