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नया मोटर वाहन कानून बना वरदान, वाहनों के इंश्योरेंस में आया तेज उछाल

इस महीने से लागू हुआ नया मोटर कानून वाहन चालकों के लिए भले ही मुसीबत का कारण हो बीमा उद्योग के लिए यह वरदान बनकर आया है

By Ankit DubeyEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 08:30 AM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 08:30 AM (IST)
नया मोटर वाहन कानून बना वरदान, वाहनों के इंश्योरेंस में आया तेज उछाल
नया मोटर वाहन कानून बना वरदान, वाहनों के इंश्योरेंस में आया तेज उछाल

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। इस महीने से लागू हुआ नया मोटर कानून वाहन चालकों के लिए भले ही मुसीबत का कारण हो, बीमा उद्योग के लिए यह वरदान बनकर आया है। नया मोटर वाहन कानून लागू होने के दिन से ही व्हीकल इंश्योरेंस सेक्टर गुलजार है। पिछले कुछ महीनों से ऑटो सेक्टर में आई सुस्ती के चलते कारोबार में बड़ी कमी ङोल रही बीमा कंपनियों में नई जान आई है। नए कानून में थर्ड पार्टी वाहन बीमा नहीं होने पर जुर्माने की राशि एक हजार रुपये से बढ़ाकर दो हजार रुपये कर दी गई है। इस जुर्माने से बचने के लिए मोटर वाहन बीमा लेने वालों की संख्या बेहद बढ़ गई है। जानकारों के मुताबिक मोटे तौर पर देश में अभी 70 फीसद वाहन बिना बीमा के ही सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इनके बीमा कराने से साधारण बीमा कंपनियों की प्रीमियम राजस्व में अच्छी खासी वृद्धि की गुंजाइश है।

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आइसीआइसीआइ लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी के प्रमुख (रिइंश्योरेंस व क्लेम) संजय दत्ता ने दैनिक जागरण को बताया कि सितंबर में अब तक वाहन बीमा कराने वालों की संख्या में आम महीनों के मुकाबले तीन गुना तक बढ़ोतरी देखी गई है। यह नए मोटर वाहन कानून का असर है। अभी तक लोग वाहन पुराना होने पर वाहनों के बीमा के रिन्यूअल में आनाकानी करते थे। लेकिन अब उनके लिए बीमा प्रोडक्ट लेना इसलिए भी मुफीद हो गया है क्योंकि दोपहिया वाहनों के मामले में अमूमन बीमा शुल्क बिना बीमा के वाहन चलाने के जुर्माने से कम है। एक तरह से नए मोटर वाहन कानून ने वाहन बीमा को लेकर जागरुकता बढ़ा दी है।

बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस के मोटर बीमा कारोबार के प्रेसिडेंट व कंट्री हेड गुरनीश खुराना का अनुमान है कि भारत में सड़कों पर जितने दोपहिया वाहन दौड़ते हैं उनमें से 70 फीसद का बीमा नहीं होता है। मुख्य तौर पर जागरूकता नहीं होने की वजह से लोग वाहन बीमा नहीं खरीदते हैं। कुछ लोग सिर्फ कानूनी बाध्यताओं के तहत वाहन बीमा खरीदते हैं। दुर्घटना की स्थिति में अक्सर बीमा नहीं होने की वजह से लोगों को भारी हर्जाना भरना पड़ता है, जो कई बार चालक के सामथ्र्य से बाहर होता है। नया मोटर वाहन कानून लागू होने के बाद थर्ड पार्टी बीमा नहीं होने पर जुर्माने की राशि 1,000 रुपये से बढ़ाकर 2,000 रुपये कर दी गई है। इसके मुकाबले बीमा की राशि काफी कम होती है। ग्राहक पांच वषों के लिए भी बीमा ले सकता है। खुराना कहते हैं, ‘दोपहिया वाहन रखने वाले हर व्यक्ति को समग्र वाहन बीमा लेना चाहिए दुर्घटना में अगर तीसरे पक्ष को कोई क्षति हुई, तो उसकी भी भरपाई हो सके।’ देश में 25 साधारण बीमा कंपनियां मोटर बीमा मुहैया करा रही हैं।

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