अब गाड़ी चलाते समय नहीं रखना पड़ेगा DL और RC, नियमों में हुआ संशोधन
1 अक्टूबर 2020 से आधार कार्ड के माध्यम से आप ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस लाइसेंस का रिन्युअल रजिस्ट्रेशन जैसी सेवाओं का फायदा ले सकते हैं। आप अपने सभी डॉक्यूमेंट्स सरकारी आधिकारिक वेब पोर्टल पर ही मेनटेन कर सकते हैं।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। भारत में 1 अक्टूबर 2020 से ड्राइविंग लाइसेंस आसानी से बनवाया जा सकेगा। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Road Transport Ministry) ने मोटर वाहन नियम 1989 में कई सारे संशोधन किए हैं जिसके बाद अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आपको ज्यादा डॉक्यूमेंट्स की जरूरत नहीं पड़ेगी। आधार कार्ड की मदद से अब ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया जा सकता है।
1 अक्टूबर 2020 से आधार कार्ड के माध्यम से आप ऑनलाइन नया ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने, लाइसेंस का रिन्युअल, रजिस्ट्रेशन जैसी सेवाओं का फायदा ले सकते हैं। साथ ही आप अपने सभी डॉक्यूमेंट्स सरकारी वेब पोर्टल पर ही मेनटेन कर सकते हैं।
नहीं पड़ेगी गाड़ी के पेपर्स रखने की जरूरत: मोटर वाहन अधिनियम 1989 में संशोधन के बाद अब आपको अपनी गाड़ी के पेपर्स जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन डॉक्युमेंट्स, फिटनेस सर्टिफिकेट, परमिट्स वगैरह की फिजिकल कॉपी रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब आप डिजिटल कॉपी दिखाकर भी काम चला सकते हैं।
आधिकारिक पोर्टल पर मेनटेन होंगे कागजात: ख़ास बात ये है कि आपके वाहन से जुड़े ये कागजात सरकारी पोर्टल पर अपडेट किए जा सकेंगे और और यहां पर मौजूद डॉक्यूमेंट्स की डिजिटल कॉपी दिखाई जा सकती है। इससे आपको कागजात की फिजिकल कॉपी रखने का झंझट खत्म हो जाएगा। दरअसल सरकार ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी पोर्टल के माध्यम से एक 1 अक्टूबर, 2020 से ड्राइविंग लाइसेंस और ई-चालान सहित वाहन से जुड़े तमाम दस्तावेजों का रखरखाव किया जाएगा।
ये है मकसद: सरकार के इस फैसले का मकसद फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस को हटाना है। साथ ही किसी भी तरह के अपराधों पर भी नजर रखना है। सरकार पोर्टल के माध्यम से ड्राइविंग लाइसेंस धारकों पर पूरी तरह से नजर रख पाएगी।
गाड़ी चलाते हुए कर पाएंगे फोन का इस्तेमाल: मोटर वाहन नियम 1989 में संशोधन के अनुसार अब गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल केवल रूट नेविगेशन के लिए किया जा सकता है और इसे नियमों का उल्लंघन नहीं माना जाएगा। हालांकि ड्राइविंग करते समय मोबाइल से बात करने पर 1 हजार से 5 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान लागू रहेगा।