Mercedes-Benz Sindelfingen प्लांट में बना रही मास्क, कोविड-19 महामारी में होगी मदद
लग्जरी कार निर्माता कंपनी Mercedes-Benz ने अपने Sindelfingen प्लांट में मास्क बनाने का काम शुरू कर रही है। (फोटो साभार Mercedes-Benz)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। लग्जरी कार निर्माता कंपनी Mercedes-Benz ने अपने Sindelfingen प्लांट में मास्क का प्रोडक्शन शुरू कर दिया है। Mercedes-Benz ने मुंह और नाक के लिए मास्क बनाने का काम शुरू किया है और कंपनी का भविष्य का फोकस कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए अन्य इक्विप्मेंट बनाने के लिए है।
कंपनी के इस प्लांट में फुल ऑटोमैटिक प्रोडक्शन लाइन में रोजाना 1,00,000 मास्क से ज्यादा बनाने की क्षमता है। इसका उद्देश्य यूरोपीयन Mercedes-Benz पैसेंजर कार प्लांट्स में इस्तेमाल किया जाना है। जहां कोविड-19 महामारी के चलते काम में रुकावट के एक फेज के बाद फिर से प्रोडक्शन किया है। मर्सिडीज-बेंज न सिर्फ सिंधेलफेनिंग में बनाए मास्क को अपने कर्मचारियों को उपलब्ध कराएगी बल्कि यह बाहरी संस्थानों को अपनी सामाजिक जिम्मेदारी के हिस्से के रूप में मदद करना चाहती है।
कोरोनावायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए Mercedes-Benz अपने प्लांट में बनाए गए मुंह और नाक के मास्क पर ध्यान दे रहा है। जून में Mercedes-Benz सिंदफ्लेनिंग प्लांट में पूरी तरह से ऑटोमैटिक प्रोडक्शन लाइन का संचालन कर रहा है। इस प्लांट में कंपनी की पैसेंजर कार और कंपोनेंट्स बनाने का काम किया जाता है जो कि अप्रैल के बीच से पहले ही शुरू हो चुकी है।
कुछ हफ्तों में Mercedes-Benz ने इन हाउस प्रोडक्शन के लिए पूरा प्रोसेस चेन पुरा कर लिया है। जिसमें प्लानिंग और मैटेरियल की खरीद से लेकर प्रोडक्शन प्लांट और मुंह और नाक के लिए प्रोटेक्शन का वितरण शामिल है। दोनों फेसिलिटी और जरूरी कच्चा माल जर्मनी से आता है। PIA ऑटोमेशन होल्डिंग GmbH द्वारा Sindelfingen में मर्सिडीज-बेंज प्लांट में मुंह और नाक मास्क के लिए प्रोडक्शन प्लांट कुछ सेकेंड में पूरी तरह से ऑटोमैटिक प्रोडक्शन प्रोसेस में नाक क्लिप और कान बैंड को एक साथ रखती है। इसकी मदद से रोजाना 1,00,000 से अधिक मास्क का प्रोडक्शन होना मुमकिन हो जाता है। इस साल के आखिर तक कंपनी 7 मिलियन से ज्यादा मास्क का प्रोडक्शन करना चाहती है। कर्मचारियों के लिए तैयार किए गए नियमों के साथ Mercedes-Benz भी अपनी जिम्मेदारी को निभाना चाहती है। इस दौरान कंपनी बाहरी संस्थानों की मदद कर रही है और देश की जरूरतों को देखते हुए काम कर रही है।