Maruti Suzuki ने भारतीय रेल के जरिए किया 670000 कारों का ट्रांसपोर्ट
भारतीय बाजार में Maruti Suzuki India ने अब तक भारतीय रेल के जरिए 670000 कारों को ट्रांसपोर्ट किया है। (फोटो साभार Maruti Suzuki India)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। Maruti Suzuki India ने भारतीय रेलवे के जरिए पिछले 6 सालों में 6,70,000 कारों का ट्रांसपोर्ट किया है। पहली बार डिस्पेच डबल डेकर फ्लेक्सि-डेक में मार्च, 2014 में हुआ था। रेलवे के इस्तेमाल करने पर ज्यादा फोकस करते हुए कंपनी ने करीब 3,000 मीट्रिक टन सीओ 2 उत्सर्जन की कमी में मदद मिली। इसके अलावा 100 मिलियन लीटर से ज्यादा जीवाश्म ईंधन की खपत कम हुई। इससे कंपनी नेशनल हाईवे 100,000 से ज्यादा ट्रक यात्राओं से बची। वित्त वर्ष 2019-20 में 1.78 लाख से ज्यादा कारों को रेल के जरिए भेजा गया जो कि पिछले साल के मुकाबले 15 फीसद ग्रोथ थी।
यह इस साल में कंपनी की कुल बिक्री का करीब 12 फीसद है। Maruti Suzuki India के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ Kenichi Ayukawa रेलवे को ट्रांसपोर्ट के मुख्य साधनों में से एक के तौर पर समझाते हुए कहा कि " कारों की बढ़ती मात्रा को देखते हुए हमें बड़े स्तर पर लॉजिस्टिक की जरूरत हुई। हमें महसूस हुआ कि सिर्फ विस्तार के लिए ही नहीं बल्कि जोखिम कम करने के लिए भी हमें सड़क मोड लॉजिस्टिक्स के अलावा कुछ करना होगा।”
फुल तैयार वाहनों को पहुंचाने के लिए रेलवे के इस्तेमाल में सबसे आगे Maruti Suzuki ने सिंगल डेक कंवर्टिड रेक का इस्तेमाल करने से लेकर हाई कैपेसिटी, हाई स्पीड वाले नए डिजाइन डबल डेक रेक का भी इस्तेमाल किया है। इस ऑपरेशन की शुरुआत भारतीय रेलवे वैगनों (पुराने पैसेंजर डिब्बों से कन्वर्टिड) के इस्तेमाल के साथ शुरू हुआ। एक बार में 125 कारों को ले जाने की कैपेसिटी वाले इन सिंगल डेक वैगनों को न्यू मोडिफाइड गुड्स (NMG) के तौर पर नाम दिया गया था।
वॉल्युम में बढ़त के साथ, हाई कैपेसिटी वाले वैगनों को लाने की जरूरत थी। भारतीय रेलवे के अनुसार डिजाइन आर्म RDSO (रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन) Maruti Suzuki समेत कई कंपनियों के सुझाव के बाद BCACM नाम का एक नया डिजाइन आया। डबल डेकर रेक में 265 कारों की कैपेसिटी थी।