नीति आयोग की सिफारिश, इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदारी पर प्राथमिकता के आधार पर मिले लोन
नीति आयोग ने आरबीआइ से सिफारिश की है कि जिस तरह से कृषि और एमएसएमई की तरह लोन वितरण में प्राथमिकता दी जा जाती है ठीक उसी तरह इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदारी पर बैंकों में किस्त के हिसाब से लोन की सुविधा मिलनी चाहिए।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए प्राथमिकता के आधार पर लोन देने की तैयारी की जा रही है। नीति आयोग ने लोन वितरण में कृषि और एमएसएमई की तरह इलेक्ट्रिकवाहन (ईवी) को प्राथमिक सेक्टर में शामिल करने की सिफारिश आरबीआइ से की है। ताकि सभी प्रकार के इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदारी के लिए आसानी से कम ब्याज दर पर लोन मिल सके।
अभी बैंकों में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदारी के लिए सामान्य वाहनों की तरह किस्त के हिसाब से लोन की सुविधा उपलब्ध नहीं है। एसबीआई ने इस दिशा में पहल की है, लेकिन एनबीएफसी की तरफ से इलेक्ट्रिकवाहनों की खरीदारी पर कोई लोन नहीं दिया जा रहा है। जबकि सामान्य वाहनों की खरीद पर दिए जाने वाले लोन में एनबीएफसी की हिस्सेदारी 50 फीसद से अधिक हो गई है।
नीति आयोग विश्व बैंक के साथ मिलकर 30 करोड़ डॉलर का जोखिम फंड बनाने जा रहा है जिससे इलेक्ट्रिक वाहन से जुड़े लोन के भुगतान में देरी पर बैंक और एनबीएफसी को मदद दी जाएगी। इस स्कीम की वजह से इलेक्ट्रिकवाहनों को दिए जाने वाले लोन की लागत 10-12 फीसद तक कम हो जाएगी। इस फंड की वजह से इलेक्ट्रिक वाहनों को लोन देने में बैंक व एनबीएफसी की हिचक खत्म होगी।
अभी एनबीएफसी और बैंकों को इलेक्ट्रिक वाहनों की सफलता पर संदेह होता है।नीति आयोग ने अपनी सिफारिश में इलेक्ट्रिकवाहन के खुदरा ग्राहकों के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माताओं व इनसे जुड़े अन्य कारोबार को भी प्राथमिकता के आधार पर लोन देने के लिए कहा है। आयोग के मुताबिक वर्ष 2025 तक इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर को 40,000 करोड़ रुपए के लोन की जरूरत का अनुमान है, जबकि वर्ष 2030 तक इस सेक्टर को 3.7 लाख करोड़ रुपए की जरूरत पड़ेगी।
नीति आयोग का मानना है कि इलेक्ट्रिक दोपहिया, तीन पहिया या चारपहिया वाहनों की सफलता काफी हद तक लोन की सरल सुविधा से हल होगी। इसलिए लोन को प्राथमिक सेक्टर में शामिल करने के साथ इसकी अवधि, ब्याज दर व अन्य शर्तों को तय करने के लिए बैंक एसोसिएशन, विभिन्न मंत्रालय, इलेक्ट्रिक वाहनों की एसोसिएशन, ई-कॉमर्स कंपनियां, औद्योगिक संगठनों के साथ भी विचार किया जाना चाहिए।
आयोग के मुताबिक ब्रिटेन में स्कॉटलैंड ट्रांसपोर्ट की तरफ से इलेक्ट्रिक कार व दोपहिया खरीदने के लिए बिना ब्याज के लोन दिए जा रहे हैं। वहीं आस्ट्रेलिया ने इलेक्ट्रिक वाहनों की वित्तीय व्यवस्था के लिए क्लीन एनर्जी फाइनेंस कारपोरेशन की स्थापना की है। अमेरिका के कैलोफोर्निया राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए कई विशेष वित्तीय सुविधाएं दी जा रही हैं।