बीएस-4 की तुलना में किस तरह बेहतर है बीएस-6 ईंधन, जानिए
प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए बीएस-6 ईंधन की बिक्री इसी साल 1 अप्रैल से दिल्ली में उपलब्ध करा दी जाएगी।
नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। दिल्ली में 1 अप्रैल एक अप्रैल 2020 तक सभी वाहनों को बीएस-4 से सीधा बीएस-6 लागू किया जाना है। लेकिन उससे पहले ही सरकार ने प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए बीएस-6 ईंधन की बिक्री इसी साल 1 अप्रैल से दिल्ली में उपलब्ध करा दी जाएगी। आइये जानते हैं आखिर बीएस-6 क्यों बेहतर है बीएस-4 के मुकाबले।
बीएस-3 और बीएस-4 से होने वाले नुकसान
बीएस-3 वाहनों से निकलने वाला धुआं हमारी सेहत के लिए काफी घातक है जबकि बीएस-4 भी कुछ कम नहीं है। इनसे निकलने वाला धुआं कई बिमारियों को जन्म देता है जैसे आंखो में जलन, नाक में जलन, सिरदर्द, फेंफड़ो की बीमारी, और उल्टी आना। लेकिन 1 अप्रैल से चलने वाले बीएस-4 वाहनों से इस तरह की बिमारियों से बचा जा सकता है जिससे आपको काफी फायदा भी होगा। हम सबको अपने देश को साफ़ और प्रदूषण मुक्त बनाने में सरकार का सहयोग देना चाइये।
बीएस अपग्रेड करने से होता क्या है?
जब भी बीएस (भारत स्टेज) को अपग्रेड किया जाता है तो वाहनों से धुंए के रूप में होने वाले प्रदुषण पर काफी हद तक रोक लगाई जाती है। इस समय भारत में प्रदुषण काफी ज्यादा रहता है जबकि देश की राजधानी दिल्ली की हवा सबसे खतरनाक है ऐसे में जरूरत है बीएस-6 को अपनाना।
बीएस-4 से सीधा अब बीएस-6 की तैयारी:
सरकार अब बीएस-4 से सीधा बीएस-6 लाने की तैयारी में हैं। सरकार 2020 तक देश बीएस-6 लागू करेगी ऑटोमोबाइल और तेल कंपनियों को भी इसके लिए अभी से तैयारी में लग चुकी हैं।
अब जानिये बीएस- 6 के फायदे:
सभी जानते हैं की पेट्रोल की तुलना में डीजल वाहन ज्यादा प्रदूषण करते हैं ऐसे में अगर बीएस-6 लागू होगा तो पेट्रोल और डीजल कारों के बीच ज्यादा अंतर नहीं रह जाएगा। और इससे डीजल वाहनों से 68 प्रतिशत और पेट्रोल कारों से 25 प्रतिशत तक नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्सर्जन कम हो जाएगा। बीस-4 की तुलना में बीस-6 काफी बेहतर होगा और प्रदूषण को रोकने में काफी हद तक मदद मिलेगी।
सीएसई के अनुसार बीएस-6 ईधन से सल्फर की मात्रा बीएस-4 से 5 गुना तक कम होगी। यह काफी स्वच्छ ईधन है। इसके इस्तेमाल से सड़कों पर चल रही पुरानी गाड़ियों से भी फैल रहा प्रदूषण कम हो जाएगा। बीएस-6 वाहनों में एडवास इमीशन कंट्रोल सिस्टम फिट होगा। इसका पूरी तरह लाभ तभी मिलेगा, जब वाहनों में भी पूरी तरह बीएस-6 तकनीकी आएगी।