Harley-Davidson भारत से समेट रही है अपना कारोबार, जानिए क्या है वजह
बता दें Harley Davidson की बाइक प्रीमियम सेगमेंट में जगह बनाती हैं और भारत में लगातार घटती डिमांड के चलते कंपनी ने भारतीय बाजार से बाहर निकलने का फैसला लिया है। हार्ले-डेविडसन इंडिया ने पिछले वित्त वर्ष में 2500 से कम इकाइयाँ बेचीं हैं।
नई दिल्ली, पीटीआई। Harley Davidson: अमेरिका की दिग्गज मोटरसाइकिल निर्माता हार्ले-डेविडसन ने भारत में अपनी बिक्री और विनिर्माण कार्यों को बंद करने की घोषणा की है। कंपनी ने बीते वर्ष घोषणा की थी कि वह अपने उत्पाद पोर्टफोलियो को कम करने और कम वॉल्यूम वाले बाजारों से बाहर निकलने की योजना बना रही है। जानकारी के लिए बताते चलें कि हार्ले भारत में अपना शोरूम बंद करने वाली तीसरी अमेरिकी कंपनी हैं।
अब तक कुल 27,000 बाइक्स हुई हैं सेल: हार्ले की बाइक प्रीमियम सेगमेंट में जगह बनाती हैं, और भारत में लगातार घटती डिमांड के चलते कंपनी ने भारतीय बाजार से बाहर निकलने का फैसला लिया है। हार्ले डेविडसन ने एक दशक पहले भारतीय बाजार में प्रवेश किया था, लेकिन अब तक केवल 27,000 बाइक ही बेच पाई है, जो देश के सेगमेंट लीडर रॉयल एनफील्ड ने एक महीने में बेची है।
70 लोगों की जाएगी नौकरी: हार्ले के इस कदम के चलते भारत में कंपनी के लगभग 70 कर्मचारियों की नौकरी जाएगी। वहीं भारत के प्रबंध निदेशक संजीव राजशेखरन को कंपनी ने सिंगापुर ट्रांसफर कर दिया है। जहां वे एशिया के प्रमुख अधिकारी के तौर पर कार्य करेंगे। कंपनी के एक अनुमान के अनुसार इस कदम में 75 मिलियन डॉलर की पुनर्गठन लागत आएगी। जिसमें लगभग 3 मिलियन डॉलर की एकमुश्त राशि समाप्ति पर, लगभग 5 मिलियन डॉलर नॉन-करंट एसेस्ट एडजेस्टमेंट पर और 67 मिलियन डॉलर कॉन्ट्रैक्ट टर्मिनेशन की लागत शामिल हैं।
2010 में बनाई थी पहली डीलरशिप: बता दें, हार्ले की कुल ब्रिकी का महज 5 प्रतिशत हिस्सा ही भारतीय बाजार से आता है। फिलहाल हार्ले का हरियाणा में एक असेंबली प्लांट है, जहां यह स्थानीय बिक्री के लिए पूरी तरह से मोटरसाइकिलों को इकट्ठा करती है। वहीं कंपनी पूरी तरह से निर्मित मोटरसाइकिलों का भारत में आयात भी करती है। हरियाणा में स्थित असेंबली प्लांट को अगस्त 2009 में शुरू किया था। इसी शाखा पर जुलाई 2010 में कंपनी ने अपनी पहली डीलरशिप नियुक्त की थी।