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मोदी सरकार मोटर वाहन दुर्घटना पीड़ितों के लिए कर रही कैशलेस उपचार बनाने की योजना

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर वाहन दुर्घटना पीड़ितों के लिए कैशलेस उपचार योजना को लागू करने के लिए एक मसौदा तैयार किया है।

By Ankit DubeyEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 06:21 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2020 09:17 AM (IST)
मोदी सरकार मोटर वाहन दुर्घटना पीड़ितों के लिए कर रही कैशलेस उपचार बनाने की योजना
मोदी सरकार मोटर वाहन दुर्घटना पीड़ितों के लिए कर रही कैशलेस उपचार बनाने की योजना

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर वाहन दुर्घटना पीड़ितों के लिए कैशलेस उपचार योजना को लागू करने के लिए एक मसौदा तैयार किया है। मोटर वाहन अधिनियम 2019 में पहले से ही इसका उल्लेख किया गया है और साथ ही जो गोल्डन टाइम के दौरान भी इलाज शामिल है। यह ऐसा प्रस्ताव है जिसके चलते हजारों लोगों की जान बचेगी। सड़क दुर्घनाओं के मामले की बात करें तो भारत में 2018 में करीब 1.5 लाख लोगों ने सड़क हादसे में अपनी जान गंवाई है। इसी वजह से दुनिया में भारत का नाम सड़क दुर्घनाओं के मामले में सबसे पहले आता है।

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सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मंत्रालय ने पत्र लिखा है कि वह सड़क दुर्घटनाओं के सभी पीड़ितों को कैशलेस उपचार प्रदान करने के बारे में अपने विचार पेश करें। इसके साथ ही सड़क दुर्घटना पीड़ितों के इलाज और घायलों को मुआवजा देने या हिट एंड रन मामलों में जान गंवाने वाले व्यक्ति के परिवार के लिए दुर्घटना फंड बनाने का भी प्रस्ताव पेश किया गया है। सरकार के अनुसार योजना के प्रस्तावित तौर-तरीकों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वे सबी व्यक्तियों के लिए सही समय पर गुणवत्ता देखभाल की पहुंच की अनुमति देते हैं, भले ही भुगतान करने की उनकी क्षमता कितनी भी हो।

केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना के तहत नोडल एजेंसी राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण को इस योजना को लागू करने का जिम्मा सौंपा गया है। प्राधिकरण ने देशभर के 21,000 से अधिक अस्पतालों के साथ समझौता किया हुआ है। इस विषय पर अंतिम निर्णय 10 जुलाई 2020 के बाद लिया जाएगा क्योंकि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अपने सुझावों के साथ जवाब देना होगा। 


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