GST से मिल सकती है इन कारों को राहत
ऑटो इंडस्ट्री के मुताबिक हाइब्रिड कारों पर ज्यादा टैक्स सरकार के ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के दीर्घकालिक लक्ष्य से मेल नहीं खाता है
नई दिल्ली (जेएनएन)। जीएसटी काउंसिल हाइब्रिड कार पर लगाए गए 43 फीसद वस्तु एवं सेवा कर (GST) पर पुनर्विचार कर सकती है। हाइब्रिड व्हीकल्स और पैसेंजर व्हीकल्स पर एक सामान टैक्स लगाया गया है। वाहन उद्योग ने हाइब्रिड व्हीकल्स पर इतना अधिक टैक्स लगाने पर चिंता जताई थी। राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि हाइब्रिड वाहनों पर टैक्स की दर ज्यादा हो गई है। हम इंडस्ट्री की चिंताओं को देख रहे हैं। कांउसिल तीन जून को होने वाली अपनी बैठक में इस पर विचार कर सकती है। अभी इन पर 30.3 फीसद टैक्स लग रहा है, जो जीएसटी में बढ़कर 43 प्रतिशत हो जाएगा।
ज्यादा टैक्स सरकार के ग्रीन एनर्जी को नहीं देगी बढ़ावा:
ऑटो इंडस्ट्री के मुताबिक हाइब्रिड कारों पर ज्यादा टैक्स सरकार के ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के दीर्घकालिक लक्ष्य से मेल नहीं खाता है। उद्योग इस बारे में अपना पक्ष वित्त मंत्रलय के सामने रखेगी। अभी भारत में टोयोटा की कैमरी व प्रियस और होंडा की अकॉर्ड हाइब्रिड कार बिकती है। इन कारों की कीमत 32 लाख से 39 लाख के बीच है। कई और कंपनियां इस सेगमेंट में उतरने की योजना बना रही हैं।
'हाइब्रिड वाहनों पर टैक्स पर्यावरण के खिलाफ'
एक अधिकारी का कहना है कि जीएसटी की दरें काफी पहले से बता दी गई हैं, ताकि इंडस्ट्री को तैयारी का समय मिल जाए। टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के वाइस चेयरमैन शेखर विश्वनाथन ने कहा कि अगर हाइब्रिड वाहनों पर टैक्स को देखें तो यह पर्यावरण के खिलाफ है। गौरतलब है कि हाइब्रिड वाहनों पर उच्च कर को ऐसे समय लगाया जाना प्रस्तावित किया गया है जब भारत एक नई ग्रीन कार पॉलिसी तैयार कर रहा है, जो कि हाइब्रिड और परंपरागत मॉडल की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करता है।