वाहन नीति के लिए सलाहकार नियुक्त, इलेक्ट्रिक वाहनों पर रहेगा जोर
सलाहकारों के सुझाव से केंद्र सरकार तय करेगी वाहन नीति
नई दिल्ली (पीटीआई)। वाहन नीति तैयार करने के लिए सरकार ने एक सलाहकार की सेवाएं ली हैं। इस नीति के चलते सभी टेक्निकल विकल्पों जिनमें इलेक्ट्रिक वाहनों और पर्यावरणनुकूल हाइड्रोजन फ्यूल सेल पर विचार किया जाएगा। केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एवं सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम मंत्री अनंत गीते ने यह जानकारी दी है।
गीते ने कहा कि भारी उद्योग मंत्रालय वाहन नीति बनाने की पहल कर रहा है। हालांकि, यह शुरुआती चरण में है और उद्योग के साथ अभी विचार विमर्श शुरू नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, विभाग ने इस मुद्दे पर विचार विमर्श के लिए सलाहकार की नियुक्ति की है। वाहन नीति का गठन अभी शुरुआती चरण में है। यह विकास ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण समय पर आता है जो 2020 तक BS-VI वाले सख्त उत्सर्जन मानदंड़ों को लागू करने और 2030 से इलेक्ट्रिक वाहनों की यात्रा को शुरू करने में मददगार हैं।
मंत्री ने कहा, सलाहकार को सभी विकल्पों पर विचार करने को कहा गया है। इनमें इलेक्ट्रिक वाहन जैसी स्वच्छ प्रौद्योगिकी और हाइड्रोजन फ्यूल सेल जैसी प्रौद्योगिकी शामिल है। यह पूछे जाने पर कि नीति कैसी होगी, गीते ने कहा कि भी इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है। सलाहकार ने अभी तक इस बारे में वाहन उद्योग के साथ भी विचार विमर्श नहीं किया है।
सितंबर, 2015 में सरकार ने वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम के साथ आटोमोटिव मिशन योजना (AMP) 2016-2026 की घोषणा की थी। इसके तहत क्षेत्र के उत्पादन को 4.64 लाख करोड़ रुपये से 18.89 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचाने का लक्ष्य है जिससे भारतीय वाहन उद्योग अगले एक दशक में दुनिया के शीर्ष बाजारों में शामिल हो सके।