Google ने सेल्फ ड्राइविंग टेक्नोलॉजी पर 1 अरब डॉलर खर्च किए
गूगल ने सेल्फ ड्राइविंग सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर पर भारी-भरकम 1.1 अरब डॉलर से अधिक की रकम खर्च की है। यह जानकारी शॉन बानानजादेह द्वारा दिए गए बयान से मिली है
नई दिल्ली (जेएनएन)। दुनियाभर में अपनी टेक्नोलॉजी के लिए जानी जाती है गूगल और इन दिनों कंपनी अपने बड़े प्रोजेक्ट सेल्फ ड्राइविंग कार को लेकर चर्चा में भी है। गूगल के इसी प्रोजेक्ट को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। आपको बता दें कि गूगल ने सेल्फ ड्राइविंग सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर पर भारी-भरकम 1.1 अरब डॉलर से अधिक की रकम खर्च की है। यह जानकारी शॉन बानानजादेह द्वारा दिए गए बयान से मिली है, जो वेमो के वित्तीय विश्लेषक हैं। यह जानकारी सबसे पहले IEEE स्पेक्ट्रम के मार्क हैरिस ने निकाली थी।
हालांकि, गूगल इस जानकारी को साझा करने से बचती रही है कि उसने 'सेल्फ ड्राइविंग' तकनीक पर कितना खर्च किया है। लेकिन गूगल के वेमो और उबर के बीच चल रही कानूनी लड़ाई के दस्तावेजों की समीक्षा से यह जानकारी सामने आ गई है कि गूगल ने इस प्रोजेक्ट पर 1 अरब डॉलर से भी ज्यादा खर्च किया है। गूगल ने सेल्फ ड्राइविंग सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर पर भारी-भरकम 1.1 अरब डॉलर से ज़्यादा यानि 70 अरब रुपये की रकम खर्च की है। यह जानकारी शॉन बानानजादेह के दिए गए बयान से मिली है, जो वेमो के वित्तीय विश्लेषक हैं।
बानानजादेह उबर के खिलाफ वेमो के चल रहे मुकदमे में गवाही दे रहे हैं। इसमें वेमो ने दावा किया है कि उबर ने अपनी सेल्फ ड्राइविंग तकनीक विकसित करने के लिए गूगल की कंपनी के बौद्धिक संपदा और व्यापार रहस्यों को चुराया है।