5 टॉप वाहन निर्माता 2025 तक खुद डिजाइन करेंगे सेमीकंडक्टर चिप, जानिए इसपर क्या कहती है रिपोर्ट
5 टॉप ऑटोमोटिव ओरिजिनल इक्यूपमेंट मैन्यूफैक्चर्स कंपनी 2025 तक खुद से चिप्स डिजाइन करेंगी। इससे भविष्य में सेमीकंडक्टर की कमी की वजह से सप्लाई चैन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। माइक्रोचिप की कमी से सीखे गए सबक वाहन निर्माताओं को तकनीकी कंपनियां बनने के लिए प्रेरित करेंगी।
नई दिल्ली,आईएएनएस। वाहन निर्माता कंपनियां इस समय सेमीकंडक्टर की कमी से परेशान है, सभी कोई न कोई विकल्प की तलाश में है। ऐसे में इस समस्या को ठीक करने के लिए 5 टॉप ऑटोमोटिव ओरिजिनल इक्यूपमेंट मैन्यूफैक्चर्स कंपनी 2025 तक खुद से चिप्स डिजाइन करेंगी। इससे भविष्य में सेमीकंडक्टर की कमी की वजह से सप्लाई चैन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। बता दें, इस समय दुनिया भर के वाहन निर्माता कंपनी सेमीकंडक्टर की कमी की वजह से ग्राहकों के मांग को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
सेमीकंडक्टर पर गार्टर की रिपोर्ट
गार्टनर में अनुसंधान उपाध्यक्ष गौरव गुप्ता ने कहा, "ऑटोमोटिव सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन जटिल हैं। ज्यादातर मामलों में, चिप निर्माता वाहन निर्माताओं के लिए पारंपरिक रूप से टियर 3 या 4 आपूर्तिकर्ता होते हैं, जिसका अर्थ है कि जब तक वे ऑटोमोटिव बाजार की मांग को प्रभावित करने वाले परिवर्तनों के अनुकूल नहीं हो जाते, तब तक इसमें कुछ समय लगता है। आपूर्ति श्रृंखला में दृश्यता की कमी ने ऑटोमोटिव ओईएम की अपनी अर्धचालक आपूर्ति पर अधिक नियंत्रण रखने की इच्छा को बढ़ा दिया है। फैक्ट यह है कि ऑटोमोटिव इंडस्ट्री बड़े वेफर आकारों पर पुराने उपकरणों को प्राप्त करने में रूढ़िवादी रहा है, जिससे उन्हें भी चोट लगी है।''
सेमीकंडक्टर चिप फाउंड्री, जैसे टीएसएमसी और सैमसंग ने अत्याधुनिक निर्माण प्रक्रियाओं तक और अन्य अर्धचालक विक्रेताओं ने उन्नत बौद्धिक संपदा तक पहुंच प्रदान की है जो कस्टम चिप डिजाइन को अपेक्षाकृत आसान बनाता है।
गुप्ता ने कहा, "हम यह भी अनुमान लगाते हैं कि माइक्रोचिप की कमी से सीखे गए सबक वाहन निर्माताओं को तकनीकी कंपनियां बनने के लिए प्रेरित करेंगे।"
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बढ़ती कीमतों के कारण नए वाहनों का बाजार सपाट रहेगा या गिरावट भी होगी।
इस बीच, वाहन निर्माता मौजूदा वाहनों के जीवन का विस्तार करने के लिए नई सेवाओं और यहां तक कि उपकरणों और कंप्यूटरों के उन्नयन पर जोर देंगे।