ऑटो इंडस्ट्री में सुस्ती का असर, Maruti Suzuki के 3000 अस्थायी कर्मचारियों की गई नौकरी
Maruti Suzuki इंडिया के चैयरमेन आर.सी. भार्गव ने बताया कि ऑटो इंडस्ट्री में मंदी के चलते डिमांड कम होने की वजह से अनुबंध वाले कर्मचारियों का कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू नहीं किया है।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। देश की जानी-मानी कार निर्माता कंपनी Maruti Suzuki के 3 हजार कॉन्ट्रैक्ट वाले कर्मचारियों को नौकरी गंवानी पड़ी है। मारुति सुजुकी इंडिया के चैयरमेन आर.सी. भार्गव ने बताया कि इंडस्ट्री में मंदी के चलते कर्मचारियों का कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू नहीं किया है।
मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के चैयरमेन आर.सी. भार्गव ने मंगलवार को कहा कि कंपनी ने 3 हजार कॉन्ट्रैक्ट वाले कर्मचारियों का कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू नहीं किया है और यह ऐसे समय में किया गया है जब ऑटो इंडस्ट्री डिमांड में भारी गिरावट है। हालांकि सिर्फ कॉन्ट्रैक्ट वाले कर्मचारियों की नौकरी गई है, इससे पर्मानेंट कर्मचारियों को कोई नुकसान नहीं हुआ है।
कंपनी की वार्षिक मीटिंग में भार्गव ने शेयरहोल्डर्स को बताया कि कारों में नए सेफ्टी नॉर्म्स और अधिक टैक्स को शामिल किया गया है, जिसकी वजह से ग्राहक कारें कम खरीद रहे हैं। नए सेफ्टी नॉर्म्स लागू करने, जीएसटी, उच्चतम रोड टैक्स आदि की वजह से कारों ग्राहकों की पकड़ से महंगी होती जा रही हैं और इसका सीधा असर ऑटो इंडस्ट्री में मंदी से दिख रहा है।
जुलाई में लगातार नौवें महीने में भारत की ऑटो इंडस्ट्री की बिक्री में गिरावट जारी है। अधिकतर मोटर व्हीकल निर्माता कंपनियां कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं। साथ ही और अस्थायी रूप से प्रोडक्शन को लागत कम करने के लिए रोक रहे हैं। कंपनी देश के नए उत्सर्जन मानदंडों को पूरा करने के लिए ट्रैक पर है। आगे कहा कि कंपनी कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (CNG) और हाइब्रिड कारों के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ेगी। भार्गव ने कहा कि मारुति ने इस साल सीएनजी व्हीकल्स को 50 फीसद तक बढ़ाने की योजना बनाई है।
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