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अब गाड़ी चलाते समय नहीं रखना पड़ेगा ड्राइविंग लाइसेंस और अन्य पेपर, स्मार्टफोन से हो जाएगा काम

आपको अब ड्राइविंग लाइसेंस वाहन का आरसी और अन्य दस्तावेजों की मूल प्रतियां साथ में रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आपके पास बस सरकार द्वारा अप्रूव्ड ऐप्स में ये डॉक्यूमेंट्स होने चाहिए और चेकिंग के दौरान आपको किसी भी तरह की दिक्कत नहीं आएगी

By Vineet SinghEdited By: Published: Sat, 21 Aug 2021 10:50 AM (IST)Updated: Sat, 21 Aug 2021 01:05 PM (IST)
अब गाड़ी चलाते समय नहीं रखना पड़ेगा ड्राइविंग लाइसेंस और अन्य पेपर, स्मार्टफोन से हो जाएगा काम
गाड़ी चलाते समय नहीं रखना पड़ेगा ड्राइविंग लाइसेंस और अन्य पेपर

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। अगर आप दिल्ली-एनसीआर में वाहन चलाते हैं और अपने वाहन के दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए भारत सरकार द्वारा अप्रूव किए जा चुके ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको अब ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन का आरसी और अन्य दस्तावेजों की मूल प्रतियां साथ में रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आपके पास बस इन ऐप्स में वाहन के डॉक्यूमेंट्स सुरक्षित होने चाहिए और चेकिंग के दौरान आपको किसी भी तरह की दिक्कत नहीं आएगी और साथ ही साथ आपका चालान भी नहीं किया जाएगा। दिल्ली सरकार ने मान्यता प्राप्त ऐप्स में अपने वाहन के दस्तावेजों को डिजिटल रूप से सुरक्षित रखने की अनुमति दे दी है।

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डिजिलॉकर और एम-परिवहन ऐप दस्तावेजों और प्रमाणपत्रों को स्टोर करने, शेयर करने और वेरिफिकेशन के लिए क्लाउड-आधारित प्लेटफॉर्म हैं। ऐसे में अब आप अगर दिल्ली-एनसीआर में अपना वाहन चला रहे हैं और आप ने गाड़ी के डॉक्यूमेंट्स डिजिलॉकर या एम-परिवहन जैसे ऐप में स्टोर रखे हुए हैं तो कोई भी पुलिस आपको अपने ड्राइविंग लाइसेंस या वाहन आरसी की फिजिकल कॉपी पेश करने के लिए मजबूर नहीं कर सकती है।

दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने एक नोटिस जारी किया है जिसमें कहा गया है कि डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म या एम-परिवहन मोबाइल ऐप पर डिजिटल रूप में उपलब्ध ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत वैध दस्तावेज हैं।  

नोटिस में यह भी कहा गया है, "यातायात पुलिस और परिवहन विभाग की प्रवर्तन शाखा डिजिलॉकर और एम-परिवहन ऐप में दिखाए जाने पर ड्राइविंग लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाण पत्र के इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म को पूरी तरह से करती है।" साथ ही नोटिस में यह बताया गया है कि डिजिलॉकर या एम-परिवहन पर उपलब्ध ड्राइविंग लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाण पत्र के इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को भी सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के प्रावधानों के अनुसार मूल दस्तावेजों के समान मान्यता प्राप्त है।

डिजिलॉकर या एम-परिवहन ऐप जैसे सरकार द्वारा अप्रूव्ड ऐप में ऐसे दस्तावेज़ों को रखना सुरक्षित और मान्य माना जाता है, लेकिन उन्हें डिजिटल रूप से स्टोर करने के लिए किसी अन्य ऐप का इस्तेमाल किया जा रहा है जो सरकार द्वारा अप्रूव्ड नहीं हैं तो ऐसी स्थिति में आपको वाहन के कागजात की फिजिकल ओरिजिनल फिजिकल कॉपी दिखानी पड़ेगी और ऐसा ना किया जाए तो आपको चालान भरना पड़ेगा।


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