दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी देने के बाद अब चार्जिंग दर में की सरकार ने कटौती, जानें पहले के मुकाबले कितनी होगी बचत
दिल्ली सरकार ने हाल ही में स्विच दिल्ली अभियान शुरू किया है जिसके भीतर ईवी चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अन्य आवश्यक ढांचे को मुहैया कराना है। EV को वाहन निर्माता कंपनियां लॉन्च तो कर रही हैं लेकिन लोग ईवी को खरीदनें से कतरा रहे हैं।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। Electric Vehicle in Delhi: भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार सक्रिय है। प्रत्येक राज्य की सरकार इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ा रही है। राष्ट्रीय राजधानी में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली सरकार ने हाल ही में घोषणा की है कि वह सबसे कम ईवी चार्जिंग दरों की पेशकश कर रही है। जिसके जरिए लोग इलेक्ट्रिक वाहनों खरीदनें में रुचि लेंगे।
यहां ध्यान देने वाली बात यह है इलेक्ट्रिक वाहन को वाहन निर्माता कंपनियां लॉन्च तो कर रही हैं, लेकिन चार्जिंग की समस्या के कारण लोग ईवी को खरीदनें से कतरा रहे हैं। बताते चलें कि दिल्ली सरकार ने हाल ही में 'स्विच दिल्ली' अभियान शुरू किया है, जिसके भीतर ईवी चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना और शहर भर में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अन्य आवश्यक बुनियादी ढांचे को मुहैया कराना है। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि, "हम शहर भर में सभी संभावित क्षेत्रों में चार्जिंग प्रणाली सुनिश्चित करके ईवी से चलने वाले वाहनों को अपनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
इस योजना के भीतर लोगों को ईवी नीति अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना है। दिल्ली सरकार के सभी आवासीय क्षेत्रों के स्टेशन इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए सबसे कम टैरिफ प्रदान कर रहे हैं। " गहलोत ने कहा कि दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) ने ई-रिक्शा और अन्य इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशनों की दरों में पहले ही कटौती कर दी है।
चार्जिंग दर में कटौती के बाद घर पर ईवी को सामान्य चार्जर से चार्ज करने के लिए, उपयोगकर्ता को 5.5 प्रति किलोवाट के बजाय 4.5 प्रति किलोवाट का भुगतान करना होगा। वहीं सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों पर (DC चार्जर के माध्यम से) ईवी चार्ज करने के लिए उपयोगकर्ता को 5 प्रति किलोवाट के बजाय 4 प्रति किलोवाट का भुगतान करना होगा।
ईवी चार्जिंग के लिए संशोधित टैरिफ को साझा करने के अलावा गहलोत ने बताया कि इस नीति में कमर्शियल इमारतें, जैसे होटल, मॉल आदि भी शामिल हैं। जिनमें ईवी को चार्ज करनें के लिए चार्जिंग सुविधाएं एक सब-मीटर के साथ स्थापित की जा सकती हैं। जिनमें सरकार द्वारा बताई गई दरें ही लागू होंगी।