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सरकार का बड़ा फैसला, दुनिया की सबसे ऊंची Statue of Unity के आसपास के क्षेत्र में चलेंगे सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहन, ईवी का प्रोत्साहन देने के लिए उठाया कदम

विकास और पर्यटन शासन प्राधिकरण (SOUADTGA) ने कहा कि वह गुजरात के केवड़िया में देश का पहला इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र विकसित करेगी। प्राधिकरण ने अपने बयान में कहा कि गुजरात के नर्मदा जिले के केवड़िया में 182 मीटर ऊंचे स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के इलाके को इलेक्ट्रिक-व्हीकल-ओनली एरिया में बदला जाएगा

By BhavanaEdited By: Published: Mon, 07 Jun 2021 10:33 AM (IST)Updated: Tue, 08 Jun 2021 10:46 AM (IST)
सरकार का बड़ा फैसला, दुनिया की सबसे ऊंची Statue of Unity के आसपास के क्षेत्र में चलेंगे सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहन, ईवी का प्रोत्साहन देने के लिए उठाया कदम
गुजरात के केवड़िया में "देश का पहला इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र" विकसित किया जाएगा।

नई दिल्ली, पीटीआई। भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने का सिलसिला जारी है, इस दिशा में लगातार कदम आगे बढ़ाए जा रहे हैं, हाल ही में विकास और पर्यटन शासन प्राधिकरण (SOUADTGA) ने कहा कि "वह गुजरात के केवड़िया में "देश का पहला इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र विकसित करेगी।" प्राधिकरण ने अपने बयान में कहा कि गुजरात के नर्मदा जिले के केवड़िया में 182 मीटर ऊंचे  Statue of Unity के आसपास के इलाके को इलेक्ट्रिक-व्हीकल-ओनली एरिया में बदला जाएगा 

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जानकारी के लिए बता दें, कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कहा गया था कि केवडिया जिसमें दुनिया की सबसे ऊंची स्टैच्यू ऑफ यूनिटी है, देश का पहला इलेक्ट्रिक वाहन शहर बनाया जाएगा। वहीं शनिवार को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर इथेनॉल ब्लेंडिंग रोड मैप 2020-25 पर बोलते हुए मोदी जी ने कहा था कि "केवड़िया में बैटरी आधारित बसें, दोपहिया, चार पहिया वाहन चलाने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराया जा रहा है।"

केवड़िया-मुख्यालय SOUADTGA को सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा के आसपास के क्षेत्र में विकास योजनाओं और पर्यटन का प्रबंधन करने का अधिकार है। इस अधिकार के तहत क्षेत्र में केवल इलेक्ट्रिक वाहनों को चलने की अनुमति होगी। वहीं पर्यटकों के लिए उपलब्ध कराई गई बसें भी डीजल के बजाय बैटरी पावर से चलेंगी।  साथ ही इस क्षेत्र के निवासी को तीन पहिया ई-वाहन खरीदने के लिए सरकार की तरफ से सहायता भी प्रदान की जाएगी।

SOUADTGA ने कहा "इस योजना के तहत वाहन खरीदनें वाले लाभार्थी अधिकारियों/कर्मचारियों को सब्सिडी के अलावा अन्य राशि का भुगतान करना होगा। और उन्हें आसान किश्तों पर उनके वेतन से ऋण की राशि काटने की सुविधा प्रदान की जाएगी। हालांकि लाभार्थियों को यह गारंटी देनी होगी कि वे पेट्रोल-डीजल वाहनों का  प्रयोग नहीं नहीं करेंगे। एजेंसी के अनुसार, शुरुआत में इस क्षेत्र में कम से कम 50 ई-रिक्शा चलाने की अनुमति होगी। इन ई-रिक्शा के चालक के रूप में महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।


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