चिप संकट से जूझ रही Maruti Suzuki, अक्टूबर में कार निर्माण में आएगी भारी कमी
Maruti Suzuki के दोनों प्रोडक्शन प्लांट्स पर वाहनों का प्रोडक्शन सामान्य से 60 फीसद ही होगा। दरअसल ऑटोमोबाइल सेक्टर पिछले काफी समय से चिप संकट से जूझ रहा है और इसी की कमी के चलते कंपनी प्रोडक्शन में कमी लाने को मजबूर है।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। भारत की दिग्गज कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने चेतावनी दी है कि अक्टूबर महीने में इसके दोनों प्रोडक्शन प्लांट्स पर वाहनों का प्रोडक्शन सामान्य से 60 फीसद ही होगा। दरअसल ऑटोमोबाइल सेक्टर पिछले काफी समय से चिप संकट से जूझ रहा है और इसी की कमी के चलते कंपनी कारों के प्रोडक्शन में कमी लाने को मजबूर है। हालांकि इससे आगामी त्योहारी सीजन में काफी लोगों जो कार खरीदने में काफी दिक्कत आएगी।
सेमीकंडक्टर का मतलब अर्धचालक होता है और इसका इस्तेमाल करंट को नियंत्रित करने में किया जाता है। सेमीकंडक्टर असल में सिलिकॉन से बनाए जाते हैं जो चिप फॉर्म में होते हैं। मौजूदा समय में जितनी भी कारे मार्केट में अवेलेबल हैं उन सभी में सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल किया जाता है। इनका इस्तेमाल करंट को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। इनके बगैर मौजूदा कारों की कल्पना करना बेकार है क्योंकि ये ना हों तो कार के हाईटेक फीचर्स को इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। ऐसे में आपकी कार चुनिंदा फीचर्स के साथ ही अवेलेबल होगी। कारों को चलता फिरता कंप्यूटर बनाने में सेमीकंडक्टर की अहम भूमिका है।
कारों में सेमीकंडक्टर इस्तेमाल हेड्स अप डिस्प्ले, ऑटोनॉमस ड्राइविंग ऐड, सेन्सर्स, सेलफोन और कम्यूनिकेशन इंटीग्रेशन के साथ उच्च दक्षता वाले इंजन के एलिमेंट्स में होता है। इसके साथ ही ड्राइवर असिस्टेंस, पार्किंग के लिए रियर कैमरा और सेंसर्स कंट्रोल, ब्लाइंड स्पॉट डिटेक्शन, एडेप्टिव क्रूज कंट्रोल, लेन चेंज असिस्ट, एयरबैग और इमरजें ब्रेकिंग में भी सेमीकंडक्टर की जरूरत होती है। आपको बता दें कि कार के इन पार्ट्स को और ज्यादा बेहतर और हाईटेक बनाने में सेमीकंडक्टर जरूरी भूमिका अदा करते हैं।