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ऑटोमोबाइल कंपोनेंट इंडस्ट्री में 10 लाख लोग हो सकते हैं बेरोजगार, जानें क्या है वजह

ACMA) ने बुधवार को पूरी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए जीएसटी दर में 18 फीसद की बराबर कमी की मांग की है।

By Sajan ChauhanEdited By: Published: Wed, 24 Jul 2019 06:04 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jul 2019 06:04 PM (IST)
ऑटोमोबाइल कंपोनेंट इंडस्ट्री में 10 लाख लोग हो सकते हैं बेरोजगार, जानें क्या है वजह
ऑटोमोबाइल कंपोनेंट इंडस्ट्री में 10 लाख लोग हो सकते हैं बेरोजगार, जानें क्या है वजह

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। ऑटो कंपोनेंट मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ACMA) ने बुधवार को पूरी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए जीएसटी दर में 18 फीसद की बराबर कमी की मांग की है। इससे लगभग 10 लाख नौकरियों को बचाने में मदद मिलेगी जो कि वाहनों की कम बिक्री की वजह से खतरे में हैं।

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इंडस्ट्री बॉडी, जो ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री का प्रतिनिधित्व करता है जिसमें लगभग 50 लाख से ज्यादा लोग काम कर रहे साथ ही व्हीकल्स के इलेक्ट्रिफिकेशन के लिए पॉलिसी पर स्पष्टता भी मांगी। एसीएमए के प्रेसिडेंट राम वेंकटरमणि ने कहा कि मोटर वाहन इंडस्ट्री एक मंदी का सामना कर रही है। सभी सेगमेंट में वाहनों की बिक्री में मंदी पिछले कई महीनों से जारी है। व्हीकल इंडस्ट्री के पीछे ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री बढ़ने को ध्यान में रखते हुए व्हीकल प्रोडक्शन में वर्तमान 15-20 फीसद की कटौती से संकट जैसी स्थिति पैदा हो गई है, उन्होंने कहा कि अगर यह जारी रहती है तो अनुमानित 10 लाख लोग बेरोजगार हो सकते हैं।

वेंकटरामनी ने कहा कि कुछ स्थानों पर छंटनी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जीएसटी शासन के तहत पहले से ही लगभग 70 फीसद ऑटो कंपोनेंट्स 18 फीसद जीएसटी स्लैब के तहत आए हैं। हालाकि 28 फीसद ब्रैकेट में लगभग 30 फीसद ही रहते हैं। इसके अलावा ऑटोमोबाइल वर्तमान में लंबाई, इंजन के आकार और प्रकार के आधार पर 1 फीसद से 15 फीसद तक अतिरिक्त सेस के साथ 28 फीसद की जीएसटी दर में आता है।

वेंकटरामनी ने कहा कि हाल ही में बीएस 4 से बीएस VI उत्सर्जन मानकों में बदलाव के लिए किए गए निवेश, इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) पॉलिसी पर स्पष्टता की कमी ने इंडस्ट्री को अनिश्चित बना दिया है और इससे भविष्य के सभी निवेश बंद हो गए हैं। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री को जल्द ही सरकारी हस्तक्षेप की जरूरत है। हम अनुरोध करते हैं कि सरकार पूरे ऑटो और ऑटो कंपोनेंट्स सेक्टर में 18 फीसद जीएसटी दर लाएगी। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के लिए एक स्थिर नीति की आवश्यकता पर बात करते हुए वेंकटरमनी ने कहा कि ईवी के रोलआउट के लिए लक्ष्यों में किसी भी तरह के बदलाव से देश के आयात बिल में ग्रोथ होगी। उन्होंने कहा कि इससे नौकरी में भी काफी नुकसान होगा। इसलिए एक स्टेबल टेक्नोलॉजी-एग्नोस्टिक ई-मोबिलिटी पॉलिसी सुनिश्चित करना समय की आवश्यकता है।

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