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वर्ष 2000 से पुराने वाहनों को बदलने के लिए रियायत दे सरकार: उद्योग

ऑटो कंपनियों ने सरकार को सुझाव दिया है कि 2000 से पहले के पंजीकृत वाहनों को सड़कों से हटाने में मदद करने के लिए एक बार नकद प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए

By Ankit DubeyEdited By: Published: Mon, 17 Dec 2018 01:24 PM (IST)Updated: Mon, 17 Dec 2018 01:24 PM (IST)
वर्ष 2000 से पुराने वाहनों को बदलने के लिए रियायत दे सरकार: उद्योग
वर्ष 2000 से पुराने वाहनों को बदलने के लिए रियायत दे सरकार: उद्योग

नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। ऑटो कंपनियों ने सरकार को सुझाव दिया है कि 2000 से पहले के पंजीकृत वाहनों को सड़कों से हटाने में मदद करने के लिए एक बार नकद प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। यह करों में छूट के रूप में दी जाए। भारी उद्योग मंत्रालय के साथ बजट पूर्व बैठक में ऑटो उद्योग ने कहा कि कारों पर कई तरह के टैक्स हटाए जाएं और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए विशेष दर पर विचार किया जाए। उद्योग के प्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों के बीच बैठक में ये सुझाव दिए गए।

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सूत्रों के अनुसार प्रदूषण और सुरक्षा के मसले पर सरकार की गंभीरता का समर्थन करते हुए उद्योग प्रतिनिधियों ने कहा कि पुराने वाहनों को हटाने की जरूरत है। लगभग 80 फीसद से ज्यादा प्रदूषण और दुर्घटनाएं पुराने खटारा वाहनों के कारण होती हैं, जो 15 साल से ज्यादा पुराने हैं। इन वाहनों को सड़कों से हटाने के लिए उद्योग ने सुझाव दिया कि पुराने वाहनों के बदले नए वाहन खरीदने पर एक बार टैक्स में छूट दी जानी चाहिए। वर्ष 2000 से पुराने वाहनों को बदलने के लिए स्कीम लागू की जानी चाहिए। वाहन के लिए प्रदूषण उत्सर्जन संबंधी मानक पहली बार 2000 में ही लागू हुए थे। यह रियायत जीएसटी, रोड टैक्स और सस्ते लोन के रूप में वैसे ही दी जानी चाहिए जैसे दिल्ली में सार्वजनिक वाहनों के लिए दिया गया था।

सूत्रों के अनुसार ऐसे वाहनों पर नियंत्रण के लिए प्रभावी निरीक्षण और प्रमाणन की व्यवस्था लागू की जानी चाहिए। प्रतिनिधियों ने कर की दरों को तर्कसंगत बनाने का भी सुझाव दिया है। मांग रखी गई कि तमाम टैक्स हटाकर सिर्फ एक टैक्स होना चाहिए। इसकी दर दो फीसद से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए कर की विशेष दर होनी चाहिए ताकि इनके निर्माण को प्रोत्साहन दिया जा सके। 


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