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रेलवे कर रहा बोलेरो पिकअप का बांग्लादेश एक्सपोर्ट, आनंद महिंद्रा ने खुश होकर ऐसे जताया आभार

इस ट्वीट में एक वीडियो को भी दिखाया गया था जिसमें एक बोलेरो पिक-अप वैन दिखाई दे रही थी इस वैन को ट्रेन के अंदर चलाया जा रहा है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कैसे रेलवे देश से ऑटोमोबाइल के निर्यात को बढ़ावा दे रहा है।

By BhavanaEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 05:55 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 08:54 AM (IST)
रेलवे कर रहा बोलेरो पिकअप का बांग्लादेश एक्सपोर्ट, आनंद महिंद्रा ने खुश होकर ऐसे जताया आभार
रेलवे से बांगलादेश जाती हुई बोलेरो पिकअप (फोटो साभार: रेल पोस्ट)

नई दिल्ली ऑटो डेस्क। Anand Mahindra : महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने अपनी 'मेड इन इंडिया' बोलेरो पिकअप वैन को बांग्लादेश ले जाने के लिए भारतीय रेलवे के प्रयासों की सराहना की है। बता दें, बोलेरो को महाराष्ट्र के नवी मुंबई से ले जाकर बांग्लादेश के बेनापोल में उतारा गया है।

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जिसके चलते आनंद महिंद्रा ने रेल मंत्री पीयूष गोयल द्वारा पोस्ट किए गए एक ट्वीट को कैप्शन के साथ साझा करते हुए लिखा, "बंबइया बोलरो बांग्लादेश में बेनापोल जा रही है। मुझे यह सुनने में काफी अच्छा लगा। मुस्कुराती हुई आंखों और मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ भारतीय रेलवे का धन्यवाद ...।"

इस ट्वीट में एक वीडियो को भी दिखाया गया था जिसमें एक बोलेरो पिक-अप वैन दिखाई दे रही थी इस वैन को ट्रेन के अंदर चलाया जा रहा है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इस ट्वीट में उल्लेख किया कि भारतीय रेलवे ने नवी मुंबई से कुल 87 पिक-अप वैन उतारे हैं।

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कैसे रेलवे देश से ऑटोमोबाइल के निर्यात को बढ़ावा दे रहा है। पीयूष गोयल ने लिखा "सुरक्षित, तेज और किफायती लॉजिस्टिक समाधान की पेशकश करते हुए रेलवे ऑटोमोबाइल परिवहन के लिए एक पसंदीदा मोड के रूप में उभर रहा है।" 

जानकारी के लिए बता दें, इस महीने की शुरुआत में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ऑटो उद्योग को वाहनों के ट्रांसपोर्ट के लिए रेल नेटवर्क का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया था। उन्होंने कहा कि रेलवे का लक्ष्य ऑटोमोबाइल ट्रांसपोर्ट में 2021-22 के अंत तक 20 प्रतिशत और 2023-24 तक 30 प्रतिशत की हिस्सेदारी हासिल करना है।

बताते चलें हाल के दिनों में किआ मोटर्स, मारुति सुजुकी और हुंडई जैसे ऑटोमोबाइल निर्माताओं ने भी अपने वाहनों के लिए रेलवे को इस्तेमाल किया है। वहीं, इस साल अप्रैल से सितंबर तक रेलवे ने पिछले वर्ष 731 रेक के मुकाबले ऑटोमोबाइल की 836 रेक भरी हैं।


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