भारी विरोध के बावजूद फोर्ड इंडिया जुलाई अंत तक चेन्नई प्लांट में जारी रखेगी काम, जानें क्यों हो रहा विरोध
फोर्ड ने भारत में अपने प्रोडक्शन के पिछले दस साल में लगभग 2 बिलियन अमरीकी डालर के नुकसान का दावा किया है और इसके बाद कंपनी ने भारत में प्रोडक्शन बंद करने की अपनी योजना की घोषणा की थी।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। ऑटो प्रमुख फोर्ड इंडिया अपने चेन्नई प्लांट में गाड़ियों की प्रोडक्शन करने की समय सीमा को बढ़ाकर जुलाई अंत तक कर दिया है। कंपनी के मुताबिक विरोध प्रदर्शन के बावजूद पिछले 14 जून को 300 से अधिक कर्मचारियों ने यहां काम करना शुरू कर दिया था। इस मामले की हालिया अपटेड की बात करें तो कंपनी जुलाई अंत तक इस प्लांट में अपना प्रोडक्शन जारी रखेगी।
जानकारी के लिए बता दें कि फोर्ड के तमिलनाडु प्लांट में कुछ कर्मचारी बेहतर सेवरेंस पैकेज (severance package) के लिए 30 मई से हड़ताल पर थे। वहीं, कर्मचारियों का कहना है कि केवल 100 से 150 कर्मचारी ही काम पर वापस गए हैं, जबकि हड़ताल में शामिल कर्मचारियों की संख्या 2,600 के लगभग है।
कंपनी को मिले सकारात्मक रिजल्ट
कर्मचारियों से बात करके कंपनी को काफी पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिला है। पैकेज पर लगातार बात करने के बात सबका समर्थन मिला है। 14 जून से 50 प्रतिशत से अधिक स्थायी कर्मचारियों ने प्लांट में काम चालू रखने के समर्थन में हैं। इसी को देखते हुए कंपनी ने प्रोडक्शन जुलाई 2022 के अंत तक उत्पादन बढ़ाने का फैसला किया है। इतना ही नहीं जुलाई में उत्पादन का समर्थन जारी रखने वाले सभी कर्मचारियों को वेतन सुरक्षा भी मिलेगी।
कंपनी देगी इतनी सुविधा
फोर्ड का कहना है कि कर्मचारियों को भुगतान के रूप में 87 दिनों के बराबर की सैलरी दी जाएगी। इसके साथ जिन लोगो ने कंपनी में साल भर से अधिक काम किया है उनको मार्च 2024 तक कुल रकम 2.40 लाख रुपये और चिकित्सा बीमा के रूप में पूरे साल 50,000 रुपये की राशि भी दी जाएगी। आपको बता दें फोर्ड के अनुसार यह संचयी राशि लगभग 30 लाख रुपये के आस पास होगी और 80 लाख रुपये तक ही सीमित होगी।
कंपनी को हुआ इतना घाटा
अमेरिकी वाहन निर्माता कंपनी फोर्ड ने भारत में अपने प्रोडक्शन के पिछले दस साल में लगभग 2 बिलियन अमरीकी डालर के नुकसान का दावा किया है और इसके बाद कंपनी ने भारत में प्रोडक्शन बंद करने की अपनी योजना की घोषणा की।