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हाइड्रोजन कार! क्या हैं हाइड्रोजन फ्यूल सेल के फायदे और नुकसान? यहां समझिए पूरा कॉन्सेप्ट

टोयोटा मोटर्स ने हाइड्रोजन से चलने वाली एक कार Toyota Mirai पेश की है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर ये हाइड्रोजन कार कैसे चलती है? इसमें यूज होने वाले हाइड्रोजन फ्यूल सेल्स के क्या नुकसान और फायदे हैं? अगर नहीं! तो आइए जानें।

By Sarveshwar PathakEdited By: Published: Thu, 31 Mar 2022 06:25 PM (IST)Updated: Fri, 01 Apr 2022 09:07 AM (IST)
हाइड्रोजन कार! क्या हैं हाइड्रोजन फ्यूल सेल के फायदे और नुकसान? यहां समझिए पूरा कॉन्सेप्ट
हाइड्रोजन फ्यूल सेल के फायदे और नुकसान

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। भारत के केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को हाइड्रोजन कार टोयोटा मिराई से संसद तक की यात्रा की। इसके साथ ही नितिन गडकरी ने पेट्रोल-डीजल को छोड़ हाइड्रोजन फ्यूल की बात की और हाइड्रोजन कारों को फ्यूचर बताया। लेकिन क्या आपको पता है कि ये हाइड्रोजन कारों का क्या कॉन्सेप्ट है? ये कैसे चलती हैं और इनमें इस्तेमाल होने वाला हाइड्रोजन फ्यूल क्या है? अगर नहीं, तो आपको इस खबर में मिलेगी सारी जानकारी और आप इसका पूरा कॉन्सेप्ट समझ पाएंगे।

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क्या है इसका कॉन्सेप्ट?

हाइड्रोजन कार की बात करें तो इसको दौड़ाने के लिए इलेक्ट्रिसिटी चाहिए होती है। इसमें लगे हाइड्रोजन फ्यूल सेल से इलेक्ट्रिक जनरेट होती है। ये फ्यूल सेल वायुमंडल में मौजूद ऑक्सीजन और इसके ईंधन टैंक में भरे हाइड्रोजन के बीच केमिकल रिएक्शन कराकर इलेक्ट्रिक पैदा करते हैं। केमिकल रिएक्शन से इन दोनों गैस के मिलने से पानी H2O और इलेक्ट्रिसिटी जनरेट होती है। इसी इलेक्ट्रिसिटी से कार चलती है।

क्या हैं इसके फायदे

आपको बता दें कि हाइड्रोजन का यूज कई तरह के सेक्टर में हो रहा है। रिन्यूएबल हाइड्रोजन पूरी तरह से स्वच्छ है। रिन्यूएबल एनर्जी की कीमत घटने के साथ ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन की लागत में कमी आ रही है। हाइड्रोजन के यूज से प्रदूषण नहीं होता है। पिछले कुछ समय से दुनिया की बड़ी ऑयल और गैस कंपनियों की दिलचस्पी ग्रीन हाइड्रोजन में बढ़ी है। हालांकि, हर चीज के लिए इलेक्ट्रिक का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। ऐसे में कुछ इंडस्ट्रियल प्रोसेस और हेवी ट्रांसपोर्टेशन के लिए गैस का इस्तेमाल किया जा सकता है। 

नुकसान क्या हैं?

यह ऊर्जा स्वयं हाइड्रोजन से प्राप्त ऊर्जा से अधिक होने के साथ-साथ महंगी भी हो सकती है। इस फ्यूल सेल्स को निवेश की आवश्यकता है, ताकि वे वास्तव में व्यवहार्य ऊर्जा स्रोत बन सकें। इसलिए, इसके लिए प्रौद्योगिकी में सुधार और परिपक्व होने के लिए विकास में समय और पैसा लगाने की इच्छाशक्ति की आवश्यकता है। इसके अलावा, प्लैटिनम और इरीडियम सहित कीमती धातुओं को फ्यूल सेल्स और कुछ प्रकार के वाटर इलेक्ट्रोलाइजर में उत्प्रेरण के लिए आवश्यक है। इसका मतलब है कि ईंधन कोशिकाओं की प्रारंभिक लागत अधिक हो सकती है।

संपूर्ण लागत, हाइड्रोजन भंडारण और बुनियादी ढांचा भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। हाइड्रोजन का परिवहन और भंडारण जीवाश्म ईंधन के लिए आवश्यक की तुलना में अधिक जटिल है। वर्तमान में सौर पैनलों सहित अन्य ऊर्जा स्रोतों की तुलना में हाइड्रोजन फ्यूल सेल्स से बिजली की एक इकाई की लागत अधिक है।


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