Move to Jagran APP

Travelogue: नैनीताल की वादियों में Toyota Yaris ने मचाया धमाल

अगर आप भी ऐसा सोचते हैं कि ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाली गाड़ियां पहाड़ी पर चढ़ने में दिक्कत देती हैं तो एक बार Toyota Yaris CVT के साथ पहाड़ों पर जाकर जरूर देखें

By Ankit DubeyEdited By: Published: Thu, 30 May 2019 06:11 PM (IST)Updated: Fri, 31 May 2019 09:18 AM (IST)
Travelogue: नैनीताल की वादियों में Toyota Yaris ने मचाया धमाल
Travelogue: नैनीताल की वादियों में Toyota Yaris ने मचाया धमाल

नई दिल्ली (अंकित दुबे)। दो पैडल वाली टैकनोलजी या फिर कहें ऑटोमैटिक गियरबॉक्स, जिसके आने से भारतीय ग्राहकों को कार ड्राइव करने के दौरान काफी सुकून मिला है। कंपनियां बजट कारों में AMT दे रही हैं तो, प्रीमियम कारों में CVT ट्रांसमिशन दे रही हैं। लेकिन, कीमत से अधिक ज्यादातर लोगों में गलत धारणाएं हैं जिनकी वजह से लोग ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाली कारें खरीदने से कतराते हैं। जब ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाली कार की बात आती है तो दो बड़ी गलतफहमी लोगों के मन में रहती है, जिनमें पहली - क्या यह पहाड़ी पर चढ़ेगी ? और दूसरी - क्या यह हाईवे पर बेहतर परफॉर्मेंस देगी? तो आज हम इन्हीं सवालों का बेहतर जवाब देने के लिए एक ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाली कार Toyota Yaris CVT के टॉप मॉडल VX द्वारा दिल्ली से नैनीताल तक किया गया यात्रावृत (Travelogue) बताने जा रहे हैं।

loksabha election banner

इससे पहले बता दें, Toyota Yaris मैनुअल ट्रांसमिशन के साथ भी आती है, लेकिन इसमें कंपनी ने सिर्फ पेट्रोल डीजल इंजन ही दिया है। खैर, हमने Toyota Yaris का टॉप-स्पेक CVT वेरिएंट VX चलाया जिससे एक साइड की यात्रा दिल्ली से नैनीताल करीब 350 किलोमीटर की है। Toyota Yaris को लेकर हमने यात्रा रात में शुरू की ताकि हम देखना चाहते थे कि रात के समय में इसकी दृश्यता (Visibility) हाईवे और पहाड़ों पर कैसी रहेगी। तो बता दें, Toyota Yaris ने यहां हमें बिलकुल निराश नहीं किया और इसमें दिए गए Projector Headlamps ने काफी बेहतर काम किया।

यकीनन, आपको हाई बीम पर चलाने के दौरान ऐसा लगेगा कि आपकी कार के आगे बहुत ज्यादा रोशनी है। वहीं, पहाड़ों पर भी रात के समय इसलिए चलाने में ज्यादा मजा आया क्योंकि दिया गया Windshield ग्लास और साइड ग्लास काफी बड़ा है जिससे आपको एक ही रास्ते वाली रोड (One Way Lane), जो कि अक्सर पहाड़ों पर मिलती है, पर चलाने के दौरान आपका आत्मविश्वास कम नहीं होगा। दिल्ली से नैनीताल करीब 7 घंटे की यात्रा के बाद जब सुबह हम पहुंचे, तो मेरे साथ बैठे मेरे परिवाजन के मूंह से निकला "गाड़ी तो मक्खन है", यानी रातभर उनकी यात्रा इतनी आराम से गुजरी की मान लो, रातभर की नींद पूरी कर ली हो।

दिल्ली से नैनीताल के रूट पर हमें हाईवे के साथ पहाड़ों के मोड़ और थोड़ी ऊबड़-खाबड़ गीली सड़क भी मिली। इसमें दिए गए 15-इंच के एलॉय व्हील और GoodYear के टायर्स ने बेहतर ग्रिप दी और ये 100 से 110 kmph की रफ्तार पर चिपक के चल रहे थे। वहीं, अंदर बैठे यात्रियों को कार की इतनी रफ्तार होने के बावजूद किसी तरह की ना तो कोई परेशानी और ना ही कोई शोर सुनाई दिया। खैर, पेट्रोल इंजन से तो शोर ना होना लाजमी था।

तो अब अगर ड्राइविंग के दौरान मुझे सबसे ज्यादा किसी चीज को लेकर खुशी मिली वह है इसमें दिया गया 7 Speed Super CVT-i ट्रांसमिशन, जिसे मैने ड्राइव मोड के अलावा ओवरटेक के दौरान मैनुअल मोड पर भी चलाया और यहां इसने काफी पंची रिस्पांस दिया। वहीं, पहाड़ों पर मुझे सबसे अच्छी परफॉर्मेंस Paddle Shift के जरिए मिली, क्योंकि यहां हर 200 से 400 मीटर पर आपके सामने एक नया मोड़ आ जाता है और ऐसे समय में आपके दोनों हाथ स्टीयरिंग पर ही रहें तो आप ज्यादा सुरक्षित रहेंगे और यहां वैसे तो आप रेगुलर ड्राइव मोड पर भी चला सकते हैं, लेकिन अगर कहीं ओवरटेक करना पड़े तो आपको Paddle Shift का इस्तेमाल करना पड़ेगा।

दिल्ली से नैनीताल तो पहुंच गए, लेकिन यहां हमारी यात्रा पूरी नहीं हुई थी, कुछ देर आराम करने के बाद पहले दिन हम नैनीताल में नैनी झील, मॉल रोड और नैना देवी मंदिर ही घूम पाए। इसके बाद हम दोपहरी खत्म होते होते भोवाली और फिर शाम को भीमताल की ओर निकल पड़े। रहने का इंतजाम हमने भोवाली किया हुआ था जो नैनीताल और भीमताल के बीच में पड़ता है। अब इस यात्रा के दौरान कार में पिछली सीट पर बैठे यात्रियों को सबसे ज्यादा पसंद रूफ माउंटेड AC वेंट्स लगे, जिसने पूरी गाड़ी कुछ ही देर में ठंडी कर दी।

इतना ही नहीं ग्लव बॉक्स में कूलिंग का सिस्टम भी दिया गया है, जिसमें आप जूस या पानी की बोतल ठंडी कर सकते हैं। कभी धूप, तो कभी छांव जैसी पहाड़ी सड़कों पर अगर किसी चीज ने हमें सबसे ज्यादा निराश किया तो वह है इसका रिवर्स पार्किंग कैमरा और 7 इंच का इन्फोटेनमेंट सिस्टम, जिसका रेश्योल्यूशन काफी कम है। तेज धूप में यह आपको ठीक से दिखाई भी नहीं देगा और अगर किसी रेस्त्रां पर खाने के लिए रुकते हैं और खा-पीकर गाड़ी रिवर्स में लेते हैं तो इसमें भी आपको साफ दिखाई नहीं देगा। हालांकि, यहां इसमें फ्रंट और रियर में दिए गए पार्किंग सेंसर आपकी काफी मदद करते हैं।

ब्रेकिंग भी काफी अच्छी तरह से लगती है और टॉप मॉडल होने के चलते इसके चारों पहियों पर डिस्क ब्रेक मिलती हैं, तो ढलान के दौरान हमें कई बार ब्रेक लगाने पर और ऐसे में इसमें दिए गए ABS और EBD के साथ ब्रेक असिस्ट को करीब से समझने का मौका मिला, क्योंकि Toyota Yaris का बूट लगैज के साथ लोडेड था।

हलद्वानी से भीमताल तक ज्यादातर मोड़ हमारे सामने ऐसे भी आए जो काफी शार्प और लॉन्ग थे और Yaris को चलाने के दौरान आपका आत्मविश्वास इतना ज्यादा होता है कि आप इन मोड़ पर कार की स्पीड भी कम नहीं करना चाहेंगे तो ऐसे में कार में दिया गया Vehicle Stability Control फीचर आपके मन में किसी तरह का डर तो पैदा करता ही नहीं है, बल्कि यह आपके आत्मविश्वास को और बढ़ा देता है।

शाम के समय भीमताल झील पहुंचते ही हमने यहां रात का खाना खाया और यहां से फिर करीब 10 किलोमीटर दूर भोवाली अपने होटल जा कर आराम किया। Toyota Yaris में सबसे अच्छा और खास तब लगा जब हमने भोवाली से भी करीब 400 मीटर ऊपर, जिस होटल में हमें रुकना था, वहां Yaris को 45 डिग्री एंगल पर चढ़ाने के बाद पार्क किया। इसमें हमने यहां Yaris के इंजन की असली पावर और इसमें दिया गया Hill-Start Assist फीचर को आजमाया। Toyota Yaris ने यहां बिलकुल भी निराश नहीं किया।

1.5 लीटर 4 सिलेंडर इनलाइन, 16 वाल्व, डुअल VVT-i पेट्रोल इंजन वाकई दमदार है और कार में चार लोगों को बिठाकर इसने 40-45 डिग्री पर करीब 400 मीटर तक बिना किसी रुकावट के चढ़ाई की। एक पल तो हमें ऐसा लगा कि यह ऑल-व्हील ड्राइव कार तो नहीं है, लेकिन सचमुच यहां पेट्रोल इंजन वाकई काफी पावरफुल लग रहा था।

दूसरे दिन सुबह उठते ही हमने भोवाली में ही नाश्ता किया और फिर हम हनुमानगढ़ी और नौकुचियाताल के लिए निकल गए। इसके बाद हम नैनीताल से होते हुए और फिर जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की तरफ गुजर रहे रास्ते से दिल्ली को ओर निकल गए। कुल मिलाकर 700 किलोमीटर की यात्रा पर हमें किसी चीज ने निराश नहीं किया, सिवाय इन्फोटेनमेंट सिस्टम, रिवर्स कैमरा और सबसे बड़ी बात इसमें दिया गया आर्म रेस्ट जो ड्राइविंग के दौरान किसी काम का नहीं लगा और पीछे बैठे यात्रियों के लिए भी विभाजन का काम कर रहा था। इसके अलावा पहाड़ों पर घूमने के लिए ज्यादातर लोगों को अपनी गाड़ी में पैनोरामिक सनरूफ चाहिए होता है, जो कि इस गाड़ी में नहीं है और इसका बड़ा माइनस प्वाइंट भी है।

कुल मिलाकर हम यही कहना चाहेंगे कि अगर आप पेट्रोल इंजन वाली किसी सी-सेगमेंट सेडान की तलाश कर रहे हैं और वीकेंड का भी एक अच्छी गाड़ी में घूमकर आनंद उठाना चाहते हैं, तो हमारे हिसाब से Toyota Yaris आपके लिए बेहतर साबित हो सकती है। इस गाड़ी में पर्याप्त सेफ्टी फीचर्स दिए गए हैं, टॉप वेरिएंट का म्यूजिक सिस्टम भी काफी क्रिस्टल क्लियर आवाज देता है। तो, अगर आप भी ऐसा सोचते हैं कि ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाली गाड़ियां पहाड़ी पर चढ़ने में दिक्कत देती हैं, तो एक बार Toyota Yaris CVT के साथ पहाड़ों पर जाकर जरूर देखें। आपके सभी गलतफहमियां  दूर हो जाएंगी।

कीमत (एक्स शोरूम): 9.29 से 14.07 लाख रुपये 

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.