Renault Captur Petrol Review: क्यों खरीदें, क्यों ना खरीदें
Renault Captur पेट्रोल इंजन काफी स्मूथ है चलाने में मजेदार है लेकिन बढ़ते ट्रैफिक के चलते और इस सेगमेंट में प्रतिस्पर्धा को देखते हुए कंपनी को इसमें CVT भी शामिल करना चाहिए था
नई दिल्ली, अंकित दुबे। भारतीय बाजार में जिस समय एसयूवी सेगमेंट की चर्चा होनी शुरू ही हुई थी कि Renault ने अपनी Duster लॉन्च करके एक कड़ा मुकाबला खड़ा कर दिया था और इसी लोकप्रियता को देखते हुए कंपनी ने प्रीमियम कैटेगरी में Capture लॉन्च की जिसे पेट्रोल और डीजल दोनों वेरिएंट में उतारा गया। Captur डीजल वेरिएंट का हम रिव्यू पहले ही कर चुके हैं, लेकिन Captur पेट्रोल को हाल ही में हमने करीब 1 हफ्ते और 500 किलोमीटर तक चलाया और इस कॉम्पैक्ट एसयूवी को हमने थोड़ा करीब से जाना। इसलिए आज हम अपनी इस रिपोर्ट में तीन ऐसे कारण बताएंगे कि इसे क्यों खरीदना चाहिए और तीन ऐसे कारण कि इसे क्यों नहीं खरीदना चाहिए।
Capture पेट्रोल को खरीदने का सबसे पहला कारण
Renault Capture में दिया गया 1.5 लीटर पेट्रोल इंजन, जो 106PS की पावर और 142Nm का टॉर्क देता है। अगर इस इंजन की तुलना डीजल इंजन से करते हैं तो आपको खुद ही पता चल जाएगा कि पेट्रोल इंजन, डीजल के मुकाबले कितना रिफाइन है।
इसे आप आसानी से चला सकते हैं इसका क्लच काफी हल्का है और शहर के अंदर ड्राइविंग के दौरान आपको यह बार-बार गियर बदलने से रोकता है। यानी अगर आप दिल्ली जैसे ट्रैफिक इसे चला रहे हैं, तो आपको यह धकने नहीं देगा।
अगर इंजन स्टार्ट करते हैं, तो आपको रिफाइनमेंट एक दम से पता चलेगा, क्योंकि इसका इंजन बहुत शांत है। चलाने के दौरान केबिन में भी किसी शोर का पता नहीं चलता। यानी अगर आप इसे ट्रैफिक या खुली सड़कों पर चलाते हैं तो आपकी ड्राइविंग काफी आरामदायक लगेगी।
खरीदने का दूसरा कारण
अगर आप चाहते हैं कि आपके पास एक ऐसी कॉम्पैक्ट एसयूवी हो, जिसे सड़कों पर लोग पलट-पलट कर देखें, तो यह आपके लिए बेहतर होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि इसका कॉम्पैक्ट डिजाइन और आक्रामक लुक इसपर काफी जचता है। प्रोजेक्टर हेडलैंप्स, डेटाइम रनिंग लाइट्स, 17-इंच के एलॉय व्हील्स, डुअल टोन कलर स्कीम्स, ये सभी मिलकर इसे काफी शानदार और प्रीमियम लुक देते हैं। इसके अलावा इसका ग्राउंड क्लियरेंस भी इस सेगमेंट की दूसरी कारों के मुकाबले ज्यादा है।
तीसरा कारण
हम RXE वेरिएंट चलाया, दिल्ली में इसकी एक्स शोरूम कीमत 9.49 लाख रुपये है। इस कीमत में आपको जो भी अच्छे फीचर्स चाहिए वो सभी इसमें मिलते हैं। उदारहण के तौर पर, Key-लेस एंट्री, स्टार्ट/स्टॉप बटन, Automatic Climate Control, टचस्क्रीन इन्फोटेनमेंट सिस्टम, क्रूज कंट्रोल, हाइट एडजस्टेबल ड्राइवर सीट्स जैसे फीचर्स मिलते हैं।
अब बात करतें हैं इसे क्यों नहीं खरीदना चाहिए और इसमें तीन सबसे बड़ी कमी क्या हैं।
पहली कमी
इन दिनों गाड़ियों में सुरक्षा को लेकर ऑटो कंपनियां काफी ध्यान दे रही हैं। ऐसे में इस वेरिएंट में भी रेनो को कम से कम 4 एयरबैग्स, ESC, हिल स्टार्ट असिस्ट जैसे सेफ्टी फीचर्स शामिल करने की जरूरत है।
दूसरी बड़ी कमी
कार का पेट्रोल इंजन काफी स्मूथ है, चलाने में मजेदार है, लेकिन बढ़ते ट्रैफिक के चलते और इस सेगमेंट में प्रतिस्पर्धा को देखते हुए कंपनी को इसमें CVT भी शामिल करना चाहिए था। इसमें आपको सिर्फ 5-स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन ही मिलेगा। कंपनी ने कोई ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन नहीं दिया है। बता दें, अब तो डस्टर के पेट्रोल में भी ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन दिया जा रहा है, तो हमारे हिसाब से अगर कंपनी Captur को प्रीमियम प्रोडक्ट बता रही है, तो उन्हें इसमें भी ऑटोमैटिक देना चाहिए। ऐसे में अगर आप कोई ऑटोमैटिक कॉम्पैक्ट एसयूवी की तलाश कर रहे हैं, तो आप इसके बारे में सोच भी नहीं सकते।
तीसरी और आखिरी बड़ी कमी
Captur में थोड़े बहुत Ergonomics Issues भी आपको देखने को मिलेंगे, जैसे क्लच के पास आपको डैड पैडल नहीं दिया गया है। इसके अलावा बाहर से यह जितनी बड़ी दिखेगी, अंदर से आपको उतना ज्यादा मजा नहीं आएगा। छोटी हाइट वालों के लिए कार में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होती, लेकिन अगर कोई 6 फीट या इससे लंबी हाइट वाला कार में बैठती है तो उसे दिक्कत हो सकता है। पीछे की सीट पर 3 लोग आराम से नहीं बैठ सकते। हां, लेकिन पीछे की सीट पर दो लोग आसानी से आरामदायक स्थिति में बैठ सकते हैं।
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