Nissan Kicks Travelogue: खंडाला की वादियों में मानसून का मजा एसयूवी के साथ
Nissan Kicks के साथ एक बार यात्रा पर जाकर जरूर देखें। किफायती कीमत स्टाइलिश लुक के साथ यह काफी आरामदायक और पावरफुल भी है
नई दिल्ली, अंकित दुबे। अनंत चतुर्दशी, महाराष्ट्र और मोटर व्हीकल एक्ट। ये तीनों ही एक दुसरे से जुड़कर इन दिनों चर्चा का विषय बने हुए हैं। महाराष्ट्र सरकार ने फिलहाल मोटर व्हीकल एक्ट पर रोक लगा दी है। वहीं, अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन होता है और इसे महाराष्ट्र में धूम-धाम से मनाया जाता है, साथ ही माना जाता है कि इसी दिन के बाद से मानसून खत्म होना शुरू होने लगता है। ऐसे में हम भी इसी मानसून का मजा लेने के लिए महाराष्ट्र के खंडाला और लोनावाला जाना चाहते थे, हमने काफी सुना था कि मानसून में ये जगह काफी प्यारी लगती हैं। हल्की बारिश में वादियों की हरियाली और प्राकृतिक का खेल हम भी देखना चाहते थे और इसके लिए हमें एक बेहतरीन कॉम्पैक्ट एसयूवी की तलाश थी, जिसके लिए हमने Nissan की Kicks चुनी।
पुणे में मौजूद Nissan Landmark ने हमें इसी यात्रा वृत्तांत (Travelogue) के लिए Kicks का डीजल टॉप वेरिएंट भेजा और दो दिन की यात्रा में हमने खंडाला/लोनावाला, कार्ला और सिंहगढ़ के किले की यात्रा की और सबसे खास बात ये तीनों जगह पहाड़ियों पर मौजूद है, जहां हमे Nisaan Kicks की परफॉर्मेंस करीब से समझने का मौका भी मिला।
पहले दिन की यात्रा हमारी दिन के समय शुरू हुई जहां पुणे से लोनावाला तक हमने मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे को चुना, जहां हमने 135 रुपये सिंगल साइड का टोल दिया और करीब 1.45 घंटे के सफर में हमें Kicks की परफॉर्मेंस ने काफी खुश किया। इस 1.5 लीटर डीजल इंजन की रिफाइनमेंट और स्मूथनेस काफी बेहतरीन है। क्रूज कंट्रोल के जरिए आधे से ज्यादा हाईवे इसी पर पार कर दिया गया। बारिश कभी तेज तो कभी हल्की हो रही थी, एक्सप्रेसवे पूरा गीला था और Kicks में मौजूद व्हीकल डायनामिक्स कंट्रोल (VDC) फीचर के चलते इसकी स्टेबिलिटी काफी जबरदस्त लगी और मुझे हर मिनट पर नया रोमांच महसूस हो रहा था। एक वक्त तो ऐसा लगा कि मैं डीजल नहीं पेट्रोल इंजन वाली गाड़ी चला रहा हूं।
कुछ ही समय बाद हम टोल नाका पार करके लोनावाला पहुंचे जहां जाते ही हमने सबसे पहले यहां की फेमस Chikki का स्वाद लिया। हल्की-हल्की बारिश में लोनावला की कड़क चाय, नमकीन का स्वाद ले ही रहे थे कि कुछ लोग हमारे पास आए और Kicks के लुक्स और डिजाइन की तारीफ करने लगे। हमारे पास भी Kicks का सबसे प्यारा और आकर्षक डुअल टोन कलर एम्बेर ऑरेंज के साथ ब्रॉन्ज ग्रे मौजूद था, जो दिखने में काफी प्यारा लग रहा था।
दिन के 2 बज रहे थे और लोनावाला की बारिश कभी हल्की तो कभी तेज हो रही थी, जिससे हमारे मन में थोड़ा डर था कि गाड़ी से बाहर निकलकर घूम भी मिलेगी या नहीं। मगर वास्तव में, इन वादियों की हरियाली में 2000 rpm पर Kicks की ड्राइव का मजा चरम पर था। इसके बाद मैं ड्राइव करता हुआ कब खंडाला निकल पड़ा पता ही नहीं चला जहां हमने Kune फॉल्स पर कुछ देर झरनों का आनंद उठाया। बारिश हल्की हो गई थी और अब शाम भी होने जा रही थी और हमें खंडाला सनसेट प्वाइंट पर प्राकृतिक का लुत्फ उठाना था, लेकिन इससे पहले हम राजमाची गार्डन रुके ही थे कि एक दम बारिश तेज हो गई और हमें वहां से वापिस निकलना पड़ा। थोड़ा बुरा जरूर लगा, लेकिन हमारे पास वापिस पुणे जाते वक्त एक जगह और थी जहां बारिश भी कम हो रही थी।
खंडाला से वापिस पुणे के रास्ते पर इस बार हम मुंबई-पुणे हाईवे से निकले जिसे पुराना हाईवे भी कहा जाता है और यहां हमने 70 रुपये टोल टैक्स दिया। खंडाला से कार्ला करीब 15 किलोमीटर है और हम 30 मिनट के अंदर ही पहुंच गए। कार्ला कैव्स पहाड़ की ऊंचाई पर मौजूद है और यहां की सड़कें एक दम खड़ी हैं। यहां चढ़ाई के दौरान तो एक बार ऐसा लगा कि अगर Kicks में हिल स्टार्ट असिस्ट कंट्रोल फीचर नहीं होता तो इसे ऊपर ले जाना थोड़ा मुश्किल हो जाता।
इंजन की पावर भी काफी दमदार लगी और पहले, दूसरे गियर के अलावा तीसरे गियर में भी ये आसानी से चढ़ाई कर रही थी। करीब 6 बजे के आसपास हम कार्ला पहुंचे और हमारे पास घूमने के लिए मात्र 1 घंटे का ही समय था क्योंकि कार्ला बुद्धा कैव्स शाम 7 बजे बंद हो जाता है। 1 घंटे घूमने के बाद हम वापिस पुणे की ओर निकल गए।
मुंबई से पुणे पुराने हाईवे पर रोड थोड़ी खराब हैं और यहां जगह-जगह छोटे-मोटे गढ्ढे भी मौजूद हैं। यहां पर Kicks के सस्पेंशन को परखने का वक्त था और वास्तव में, इन्होंने अपना काम काफी अच्छी तरह से किया मानों छोटे-मोटे गढ्ढे सड़कों पर मौजूद ही नहीं और बड़े गढ्ढों को भी ये आसानी से पार कर जाती है। कुल मिलाकर आपको इसमें एक आरामदायक ड्राइव के अलावा पैसेंजर राइड भी मिलती है।
8 इंच के फ्लोटिंग टचस्क्रीन सिस्टम पर एप्पल कारप्ले के जरिए मैप लगाया हुआ था और साथ में म्यूजिक भी चल रहा था। हालांकि, हमें इसकी साउंड क्वालिटी ज्यादा खास नहीं लगी। 2.30 घंटे के बाद हमने पुणे में एंट्री ली और पूरी तरह सड़कों पर अंधेरा मौजूद था, जहां इसके हेडलाइट की लाइट्स की विजिबिलिटी हमें थोड़ी कम लगी, मगर इसे काउंटर करने के लिए कंपनी ने इसमें हाईबीम पर लाइट्स अच्छी दी हैं। 10 बजे के आसपास हम अपने अपार्टमेंट पहुंचे और गाड़ी पार्क करते समय 360 डिग्री कैमरे का इस्तेमाल किया जो हमें काफी प्रभावी लगा।
बारिश और कीचड़ के चलते गाड़ी काफी गंदी हो चुकी थी, दूसरे दिन सुबह उठते ही Kicks की धुलाई की और 8 बजे के करीब फिर हम दूसरे दिन की यात्रा पर सिंहगढ़ किले की ओर निकल पड़े। पुणे से सिंहगढ़ किले का रास्ता करीब 40 किलोमीटर का है और हमें यहां पहुंचने में 1.30 घंटे का समय लगा। सुबह की चाय वड़ापाव के साथ हमारे अंदर एक अलग ही जुनून पैदा कर रही थी, क्योंकि सिंहगढ़ के पहाड़ों की हरियाली काफी आकर्षक है। Kicks को लेकर हम फिर पहाड़ी की चढ़ाई करने लगे, बारिश ना के बराबर थी, हरी-भरी वादियां और ताजा हवा हमें काफी प्रभावित कर रही थीं।
सिंहगढ़ पहुंचकर हमने पार्किंग में अपनी गाड़ी खड़ी की और फिर किले के 1 किलोमीटर के ट्रैक पर निकल गए जहां हमें पुणे दरवाजा मिला। फुहारे जैसी बारिश और घना कोहरा किले से हमें काफी प्यारा लग रहा था मानों किसी जन्नत में घूम रहे हैं। घने कोहरे के चलते पुणे दरवाजे से हमें पूरा पुणे तो नहीं दिख पाया, लेकिन प्राकृतिक का खेल हमारे जहन में उतर गया। 3 से 4 घंटे हम यहीं घूमते रहे और दिन का लंच करने के बाद हम किक्स के साथ सीधा नीचे पुणे की ओर वापिस निकल पड़े।
Kicks के साथ ये दो दिनों का वक्त हमारा काफी प्यारा, आरामदायक और यादगार गुजरा। इन दिनों अगर आप भी वीकेंड पर एक अच्छी यात्रा करने की सोच रहे हैं और एक ऐसी कॉम्पैक्ट एसयूवी ढूंढ रहे हैं, जिसे लोग पलट-पलट कर देखें तो Nissan Kicks के साथ एक बार यात्रा पर जाकर जरूर देखें। किफायती कीमत, स्टाइलिश लुक के साथ यह काफी आरामदायक और पावरफुल भी है।