गर्मियों में गाड़ियों का अधिक ध्यान रखने की जरूरत, इन आसान टिप्स को अपनाकर बरकरार रखें अपनी कार की चमक
गर्मी जिस तरीके से बढ़ती जा रही है ऐसे समय में कार का ख्याल रखना भी काफी जरूरी है। नीचे दिए गए आर्टिकल में आपको बताने जा रहे हैं इस चिलचिलाती गर्मी में अपनी कार का ख्याल रखने का तरीका।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। गर्मी दिन पर दिन तेजी से बढ़ते जा रही है। ऐसे में अगर आप है कार के शौकीन तो जान ले कैसे रखे गर्मियों में अपने कार का ख्याल खासतौर से उत्तरी राज्यों दिल्ली और उत्तर प्रदेश में गर्मी का तापमान 40 डिग्री से उपर चला जाता है। ऐसी चिलचिलाती धूप में वाहन चलाना काफी मुश्किल हो जाता है और उससे भी मुश्किल कार का ख्याल रखना होता है। आज आपको यहां 4 टिप्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे अपनाकर अपनी गाड़ी की हिफाजत कर सकते हैं।
गर्मियों में कार के AC सर्विस का रखे ध्यान
AC की सर्विस गर्मियों में समय समय पर करवाते रहें, यदी उसमें गैस कम हो गई है तो फिल करवा लें, क्यूंकी गर्मी के मौसम में AC ठीक से कुलिंग नहीं करेगा तो कार में बैठे लोगों की हालात खराब हो जाएगी । इसके साथ ही रेडिएटर की सफाई पे भी खास ध्यान दें , इसकी सफाई समय-समय पर करा लेने से काफी फायदेमंद होता है।
कार को करे छांव में पार्क
अपनी कार को पार्क करते समय हमेशा छांव का ख्याल जरुर रखें , कार हमेशा छांव में पार्क करने की कोशिश करें क्यूंकी हीट और सनलाइट से आपकी कार बचेगी और गर्मी से होने वाले नुकसान से भी आपकी कार का बचाव होगा।
समय समय पर कार को धोते रहे
गर्मियों में हमेशा अपनी कार को साफ -सुथरा रखें, इसके साथ ही अपनी कार को समय -समय पर धोते रहें कार को धोना काफी जरुरी होता है उससे धूल और छोटे-छोटे पार्टिकल्स से छुटकारा मिल जाता है इससे कार की हेल्थ अच्छी होती है और आपके कार की लाइफ भी बढ़ती है। आपको बता दें कार को धोने के लिए हमेशा कार वाशिंग शैंपू का उपयोग करें।
हमेशा मेंटेन करें कार का टायर प्रेशर
गर्मियों के दिन में समय-समय पर अपने कार के टायर के प्रेशर को चेक करते रहे और उसे मेंटेन करते रहे यदि आपके कार का टायर प्रेशर अधिक होगा तो उसमें टायर फटने की संभावना अधिक होगी । गर्मियों में हमेशा टायर प्रेशर कम रखना चाहिए क्यूंकी कार चलते वक्त टायर्स और सड़क के बीच घर्षण होती है, जिससे हिट जेनरेट होती है, यदि आपके टायर का प्रेशर ज्यादा होता है तो इसे टायर फट सकता है।
लेखक- आयुषी चतुर्वेदी