Car Loan लेना है तो तुरंत जान लें ये बातें, वरना लास्ट मोमेंट पर टूट सकता है गाड़ी खरीदने का सपना
कार खरीदने का सपना हर कोई का होता है लेकिन कुछ लोग पैसे न हो पाने के कारण अपना सपना पूरा नहीं कर पाते हैं। लोगों के इसे सपने को पूरा करने के लिए कई बैंक लोन देती है।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। एक व्यक्ति अपने जीवन में घर खरीदने के अलावा अगर कोई दूसरी सबसे बड़ी खरीदारी करता है, तो वह शायद कार होती होगी। सस्ती से सस्ती कार खरीदने के लिए भी व्यक्ति को तीन से चार लाख रुपये कम से कम खर्च करने पड़ते हैं और यह जरूरी नहीं है कि किसी व्यक्ति के पास हर समय इतना पैसा हो। इसीलिए, बड़ी संख्या में लोग कार खरीदने के लिए लोन लेते हैं। यह लोन बैंकों के साथ-साथ एनबीएफसी भी मुहैया कराती हैं। हालांकि, अगर किसी व्यक्ति को कार लोन लेना है तो बहुत जरूरी है कि वह पहले कुछ बातें जान ले।
सिबिल स्कोर और रीपेमेंट कैपेबिलिटी
लोन या किसी भी तरह का लोन लेने के लिए सबसे जरूरी बात है कि आप तो सिबिल स्कोर कितना है और आपकी रीपेमेंट कैपेबिलिटी कितनी है किसी भी व्यक्ति को लोन देने से पहले बैंक सिबिल स्कोर और रीपेमेंट कैपेबिलिटी ही चेक करता है इसके बाद ही आगे का प्रोसेस शुरू होता है इसीलिए अगर आप कार लोन लेने का विचार बना रहे हैं तो सबसे पहले अपना सिबिल स्कोर चेक कर ले और अगर आप रिपेयरमेंट कैपेबिलिटी को लेकर कंफ्यूज है तो बता दें कि रीपेमेंट कैपेबिलिटी उसे कहते हैं का मतलब है कि आप लिए गए लोन को चुकाने की कितनी क्षमता रखते हैं की जा रही है
लोन की अवधि और ईएमआई
जब आप कार लोन ले रहे हों तो उसकी अवधि का चुनाव बहुत सतर्कता के साथ करें और उसकी ईएमआई का चुनाव भी बहुत ध्यान से करें। बहुत ज्यादा लंबी अवधि का लोन लेने के बाद आपको ऐसा लगता है कि आप उसे कम समय में ही चुका सकते थे लेकिन लंबी अवधि का लोन होने के कारण आपको ज्यादा ब्याज देना पड़ रहा है। ऐसे में पहले ही यह तय करें कि आप कितनी अवधि का लोन लेना चाहते हैं। इसके अलावा लोन की ईएमआई भी अपने बजट के अनुसार रखें। अगर आपके बजट से ज्यादा की ईएमआई होगी तो आपको उसे भरने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
कार लोन के लिए पहले से तैयार रखें दस्तावेज
अगर आप कार खरीदने के लिए लोन लेना चाह रहे हैं तो आपको कुछ दस्तावेज तैयार रखने चाहिएं, जिनकी आपको लोन के लिए जरूरत पड़ेगा। इनमें फोटो आईडी, एज प्रूफ, एड्रेस प्रूफ और छह महीने का बैंक स्टेटमेंट शामिल हैं। इनके अलावा, अगर आप वेतनभोगी हैं तो बीते 3 महीने की सैलरी स्लिप, इनकम टैक्स रिटर्न या फॉर्म 16 की कॉपी और अगर स्वरोजगारियों हैं तो बीते तीन साल के इनकम टैक्स रिटर्न की कॉपी तथा पिछले तीन साल का सीए सर्टिफायड/ऑडिटेड बैलेंस शीट आदि की जरूरत पड़ेगी।